लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर मची अन्तर्कलह दिनों-दिन नई शक्ल लेती जा रही है। चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अखिलेश यादव पर घर के सदस्य ही लगातार राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। चाचा शिवपाल यादव और पिता मुलायम सिंह यादव के बाद अब अपर्णा यादव ने अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की सलाह दी है।
अपर्णा मुलायम की छोटी बहू हैं और लखनऊ कैन्ट विधानसभा से उन्हें भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। अपर्णा ने अपने ताजा बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव हर जगह अपने वादे पूरे करने के लिए जाने जाते हैं। अब उन्हें अपने वादे के अनुसार पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिए और नेताजी मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष बनाना चाहिए। अपर्णा ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां हिटलर जैसी होती हैं।
वहीं शिवपाल यादव ने एक बार फिर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सेक्युलर मोर्चा बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नेताजी इसके अध्यक्ष होंगे। वह मोर्चे का अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं। शिवपाल ने कहा कि इस सम्बन्ध में नेताजी से बात हो चुकी है। हम सभी समाजवादी लोगों से बात कर रहे हैं।
उन्होंने अपने समर्थक नेताओं को रविवार को पार्टी से निकाले जाने पर कहा कि इसी तरह की मनमानी चलती आयी है। इससे पार्टी को बहुत नुकसान हुआ है। अखिलेश की नादानी की वजह से पार्टी को महज 47 सीटें मिलीं। अगर सब मिलकर लड़ते तो सपा सत्ता में आती। उन्होंने कहा कि वह अखिलेश से पहले ही कह चुके हैं कि परिवार और पार्टी की एकता बनाये रखने के लिए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद नेताजी मुलायम सिंह यादव को सौंप देना चाहिए।