सूबे में सत्ता पलट होने के बाद योगी सरकार लगातार एक्शन में है। आए दिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कामों में कई सारी खामियां मिल रही है। ऐसे में अब तो कुछ ऐसे खुलासे होने लग रहे है जिससे समाजवादी पार्टी की हकीकत सामने आने लग गई है। वही समाजवादी पार्टी का एक नया खुलासा हुआ है जिससे साफ हो गया है जहां चुनाव से पहले पार्टी में चाचा भतीजे के बीच एक तीखी जंग छिड़ी हुई थी तो दूसरी तरफ अब ऐसा लगने लग गया है कि वह सब कुछ ढोंग था। समाजवादी पार्टी पर हुए इस खुलासे के बाद साफ हो गया है कि नजरों के सामने तो चाचा भतीजे एक तरफ से जंग लड़ रहे थे तो दूसरी तरफ समाजवादी परिवार के अनंद सब कुछ कितना चांक चौबंद था।
दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता नतून ठाकुर ने समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुए हुआ एक बहुत ही बड़ा खुलासा किया है। उनके खुलासे में यह बात सामने आ गई कि गौ सेवा आयोग ने सरकारी फंड की 86 फिसदी रकम सिर्फ अपर्णा यादव की संस्था को दे दी थी। आरटीआई कार्यकर्ता नतून ठाकुर ने अखिलेश सरकार से जुड़ी एक बड़ी बात का खुलासा किया है। बता दें कि अपर्णा यादव पूर्व सीएम अखिलेश सिंह के भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं तथा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं। जोकि अपर्णा जीव आश्रय के नाम से गौ सेवा संस्था चलाती हैं। आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर की तरफ से डाली गई आरटीआई में खुलासा किया गया है कि साल 2010 से लेकर 2017 तक अपर्णा यादव की संस्था को 8.35 करोड़ रुपए का अनुदान हुआ है जबकि इस दौरान आयोग की तरफ से सिर्फ 9.66 करोड़ रुपए की राशि आवंटित हुई थी। इससे साफ हो जाता है कि इस राशि का 86 फिसदी हिस्सा अपर्णा यादव की संस्था को दिया गया है।
वही इस मामले में अपर्णा यादव की सफाई भी अब सामने आ गई है। संबंधित मामले पर अपर्णा यादव का कहना है कि राजनीति में सब लोग चोर नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके पति को इस मामले में बिना वजह के घसीट कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित मामले में वह मानहानि का मुकदमा करेंगी। उनका कहना है कि अच्छा काम करने के लिए उनको फंड का अनुदान किया गया है। अपर्णा यादव ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अच्छा काम करने पर पैसा देना गलत नहीं है।
वही दूसरी तरफ आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर का इस बारे में कहना है कि जीव आश्रय नाम की संस्था को सपा सरकार में तीन साल के लिए लीज पर नगर निगम से भूमि आवंटित की गई थी जिसे सरकाने ने पांच साल के लिए बढ़ा दिया था इसके साथ ही सपा सरकार के कार्यकाल में मुलायम समाजवादी परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव की संस्था को गौ सेवा आयोग के जरिए कुल फंड का 86 फिसदी हिस्सा जारी किया गया था जिसका खुलासा आरटीआई में मिले जवाब के बाद हुआ है।