लखनऊ। अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल न जातीय जनगणना कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना के जरिए जातियों की वास्तविक संख्या का सामने आना जरूरी है। इसलिए जातिवार जनगणना व ओबीसी मंत्रालय का गठन समय की जरूरत है। अनुप्रिया पटेल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री जाति आधारित जनगणना कराने के मामले में भी उचित समय में उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि अपना दल का मानना है कि उन सभी जातियों को संवैधानिक रूप से आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, जो सामाजिक दृष्टि से आजादी के 73 साल के बाद भी अंतिम कतार पर हैं। इसकी पहचान के लिए जाति आधारित जनगणना के जरिए जातियों की वास्तविक संख्या का सामने आना जरूरी है।
सामाजिक न्याय उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया क्रांतिकारी कदम
लोकसभा में केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तुत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को पास करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि सामाजिक न्याय से जुड़े मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और अहम ऐतिहासिक फैसला किया है। संविधान के 127वां संशोधन विधेयक वास्तव में वंचित तबके को सामाजिक न्याय उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। इससे राज्यों को ओबीसी की सूची तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा।
श्रीमती पटेल ने कहा कि राज्यों के पास यह अधिकार न होने की वजह से सामाजिक रूप से पिछड़ी कई जातियों तक सामाजिक न्याय की रोशनी नहीं पहुंची। कई जातियां विकास की धारा से बेहद दूर रह गईं। सारी शक्तियां केंद्र सरकार के पास होने के कारण ऐसी कई जातियों को इसका नुकसान उठाना पड़ा, जिन्हें वास्तव में विशेष संवैधानिक संरक्षण की जरूरत थी। लेकिन अब राज्य सरकारें भी ओबीसी की सूची तैयार कर सकेंगी। ऐसे में भविष्य में ऐसी सभी जातियां सामाजिक न्याय के दायरे में होंगी जो वाकई इसकी हकदार हैं।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक अधिकार मिला
श्रीमती पटेल ने कहा कि अपना दल का मानना है कि वे सभी जातियां सामाजिक न्याय के दायरे में आएं जो सामाजिक दृष्टि से अब तक विकास से दूर रह गई हैं। इस विधेयक के कानून बनने के बाद ऐसी सभी जातियों के लिए सामाजिक न्याय का दरवाजा खुलेगा।
श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ सदैव न्याय किया है। प्रधानमंत्री के कार्यकाल में ही पहली बार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक अधिकार मिला। उनके कार्यकाल में ही नीट में ओबीसी का अखिल भारतीय कोटा लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया और अब संविधान 127वां संशोधन विधेयक के जरिए राज्य सरकारों को ओबीसी की सूची तैयार करने का अधिकार देने का फैसला किया गया।