नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की जमानत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है । मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसपी गर्ग ने एसआईटी से पूछा कि निचली अदालत द्वारा यह गलत कैसे है ? उन्होंने एसआईटी से पूछा कि आरोपी कई मामलों में ट्रायल का सामना कर रहा है ऐसे में आप ये कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो सभी स्थानों पर उपलब्ध हो ।
कोर्ट ने कहा कि 32 साल बीत गए और आप इस मामले में अब चाहते हैं कि सज्जन कुमार से पूछताछ हो । नवंबर 2016 तक शिकायतकर्ता ने कोई शिकायत नहीं की लेकिन अचानक उसने आरोपी के खिलाफ शिकायत की है । एसआईटी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि शिकायतकर्ता ने तीस साल तक इसलिए शिकायत नहीं की क्योंकि वो आरोपी की ताकत से डरा हुआ था । जब जांच में आरोपी का नाम सामने आया है तो उनसे पूछताछ जरूरी है ।
आपको बता दें कि दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने 21 दिसंबर को अग्रिम जमानत दे दी थी जिसके खिलाफ एसआईटी ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की है । द्वारका कोर्ट ने सज्जनकुमार को जमानत देते हुए निर्देश दिया था कि वो जांच में सहयोग करेंगे और बिना कोर्ट की अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाएंगे । कोर्ट ने सज्जन कुमार को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। सज्जन कुमार पर आरोप है कि एक नवम्बर 1984 को दिल्ली के जनकपुरी इलाके में सोहन सिंह उसके पुत्र अवतार सिंह की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने का काम किया।