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कृषि कानून के विरोध में किसानों के समर्थन में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे, जानें हजारे ने अपने रिकॉर्डेड संदेश में क्या कहा-

329aa12c 0e66 4bee 99be 0d291cb24e26 कृषि कानून के विरोध में किसानों के समर्थन में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे, जानें हजारे ने अपने रिकॉर्डेड संदेश में क्या कहा-

पुणे। देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं ​देश की राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन को आज 13वां दिन है। जिसके चलते किसान आंदोलन अब धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है। 8 दिसंबर यानि आज किसानों द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया था। जिसका पूरा देश समर्थन कर रहा है। इसके साथ ही कई राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के द्वारा भारत बंद के ऐलान का समर्थन किया गया है। इसी बीच महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है कि अन्ना हजारे एक दिन के लिए अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘सही समय’ है।

मुद्दा हल कराने का यह ‘‘सही समय’’ है- अन्ना हजारे

बता दें कि केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आज एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ रखने की अपील भी की है। अन्ना हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए। अन्ना हजारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि मैं देश के लोगों से अपील करता हूं। दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा। लेकिन कोई हिंसा ना करें। अन्ना हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘‘सही समय’’ है। मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा।

सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती- अन्ना हजारे

हजारे ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती।

 

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