पुणे। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को एक माह से ज्यादा बीत चुका है। लेकिन सरकार और किसानों के बीच कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इसके साथ ही किसान अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए है। साथ ही अब किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी मैदान में उतर चुके है। उन्होंने किसानों के संबंध में की गई अपनी मांगो को लेकर केन्द्र की तरफ से जनवरी अंत तक स्वीकार ना किए जाने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना हजारे ने पत्रकारों से कहा कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया। अगर मेरी मांगे पूरी नहीं हुई, मैं फिर भूख हड़ताल करूंगा। यह मेरा आखिरी प्रदर्शन होगा।
मेरी मांगे पूरी नहीं हुई, मैं फिर भूख हड़ताल करूंगा- अन्ना हजारे
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन अब तीव्र होता जा रहा है। हजारे ने कहा कि सरकार केवल खोखले वादे करती है, इसलिए मुझे उस पर अब कोई विश्वास नहीं है। देखते हैं सरकार मेरी मांगों पर क्या कदम उठाती है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है और मैंने उन्हें जनवरी अंत तक का समय दिया है। अगर मेरी मांगे पूरी नहीं हुई, मैं फिर भूख हड़ताल करूंगा। यह मेरा आखिरी प्रदर्शन होगा। अन्ना हजारे ने 14 दिसम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एमएस स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वह भूख हड़ताल करेंगे। इसके साथ ही हजारे ने केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आठ दिसम्बर को किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में उपवास रखा था।