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किसानों के समर्थन में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, कहा- किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो करूंगा जनांदोलन

cf578617 948c 4099 918b f8c56ffe8704 किसानों के समर्थन में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, कहा- किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो करूंगा जनांदोलन

अहमदनगर। कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। किसान 16 दिन से आंदोलन में जान झोंक रहे हैं। इसके साथ ही किसानों के समर्थन में पूरा देश आ गया है। इसके साथ ही इस आंदोलन में राजनीतिक दलों ने भी भाग लेना शुरू कर दिया है। इसी बीच किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद भी किया था। जिसका सभी ने समर्थन किया था। भारत बंद के समर्थन में 83 साल के बुजुर्ग अन्ना हजारे भी उतरे थे। उन्होंने किसानों के समर्थन में अपने गांव रालेगन-सिद्धि में एक दिन का उपवास भी रखा था। अन्ना हजारे की उम्र हो गई है, लेकिन किसानों के समर्थन में वे अभी भी खड़े दिखाई दे रहे है। इसके साथ ही उन्होंने गुरुवार को उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के समर्थन में जनांदोलन शुरू करेंगे।

अन्ना हजारे ने किसानों का समर्थन किया-

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों का समर्थन किया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के समर्थन में जनांदोलन शुरू करेंगे। अन्ना हजारे ने कहा, “लोकपाल आंदोलन ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को हिला दिया था। मैं  किसानों के विरोध प्रदर्शनों को उसी तर्ज पर देखता हूँ। अन्ना ने कहा, “अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो मैं एक बार फिर ‘जन आंदोलन’ के लिए बैठूंगा, जो लोकपाल आंदोलन के समान होगा। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं और उन कानूनों को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं। किसानों को डर है कि नए कानून की आड़ में निजी क्षेत्र द्वारा उनकी फसलों को कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। इसके अलावा न्यूनतम समर्थम मूल्य से भी किसानों को वंचित किया जा सकता है। देश में किसानों के महत्वपूर्ण योगदानों की चर्चा करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, “ऐसे किसी भी देश में किसान के खिलाफ कानून को मंजूरी नहीं दी जा सकती है, जो कृषि पर अत्यधिक निर्भर है। अगर सरकार ऐसा करती है, तो इसके खिलाफ आंदोलन जरूरी है।

पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ की FIR दर्ज-

सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा रही है और गतिरोध बरकरार है। अब किसान संगठनों ने 14 दिसंबर से देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। 12 दिसंबर को दिल्ली -जयपुर हाईवे बंद करने और सभी टोल प्लाजा पर कब्जा करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने सिंघु बाॅर्डर की रेड लाइट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर FIR दर्ज की है। प्राथमिकी में किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने का आरोप लगाते हुए महामारी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। ये किसान 29 नवम्बर को लामपुर बॉर्डर से जबरन दिल्ली की सीमा में घुस आए थे और सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठ गए थे, तब से अब तक वहां किसान ऐसे ही रोड ब्लॉक कर बैठे हैं।

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