रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जिसमें बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और वचन लेती है कि वो उसकी रक्षा करेगा।
वाराणसी। रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जिसमें बहन भाई की कलाई पर राखई बांधती है और वचन लेती है कि वो उसकी रक्षा करेगा। इस पर्व पर कुछ बहनें ऐसी हैं जो खुद अपने हाथ से राखियां तैयार करती है और कुछ बहनें बाजार की राखी अपने भाईयों की कलाई पर बांधती है। लेकिन वाराणसी का रहने वाली अंजली श्रीवास्तव ने अपने भाई की कलाई सजाने के लिए एक अनोखी राखी बनाई है।
बता दें कि इस राखी में खास बात ये है कि ये राखी भाई को आने वली मुसिबत से आगह कराएगी। अंजली ने इस खास राखी को ‘स्मार्ट राखी’ का नाम दिया है। वाराणसी की रहने वाली अंजली श्रीवास्तव इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की छात्रा रही हैं। अंजली नोयडा की एक कम्पनी में फिलहाल काम रही है लेकिन कोरोना काल में छुट्टी लेकर अपने घर आ गई हैं।
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वहीं अंजली ने बताया कि रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहन जब भाई के कलाई पर राखी बांधती है तो भाई अपनी बहन को पूरे उम्र रक्षा का वचन देता है। इसी रिश्ते को और मजबूत करने के लिए मैंने थोड़ी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर ये स्मार्ट राखी बनाई है। ये ‘स्मार्ट राखी’ पूरी तरह से वायरलेस कम्युनिकेशन पर आधारित है। इस राखी के जरिए कोई भी बहन खुद पर आने वाले मुसीबत पर अपने भाई को एक वाइब्रेट सिग्नल के जरिए मैसेज दे सकती है।
‘स्मार्ट राखी’ के है दो पार्ट
अंजली ने बताया कि इस ‘स्मार्ट राखी’ के 2 पार्ट्स हैं। पहला पार्ट राखी के रूप में होता है जिसे बहने अपने भाई के कलाई पे बांधती है जबकि दूसरा पार्ट जो कि एक अंगूठी के रूप में होता है जिसमे एक छोटा इमरजेंसी बटन लगा हुआ है। जिसे बहनें अपने हाथ की उंगली में पहन सकती हैं और मुसीबत आने पर इसमें लगे बटन को दबाकर अपने भाई को सन्देश दे सकती हैं। अंगूठी में लगे बटन को दबाते ही भाई के कलाई में बंधी राखी पे अलार्म के साथ वाइब्रेशन होने लगता है। जिससे भाई को बहन के मुसीबत में होने की जानकारी मिल जाती है ।
तीन महीने तक है बैटरी बैकअप
इस ‘स्मार्ट राखी’ को यदि एक बार चार्ज कर लिया जाए तो 3 महीनें तक इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। राखी में लगा बटन सेल हाई पॉवर कैपिसिटी का है। अंजली ने बताया कि इस राखी को बनाने में महज 250 रुपये का खर्च आया है। एलईडी लाइट, बटन सेल, अलार्म, वाइब्रेशन मोटर और राखी का इस्तेमाल किया गया है।