लखनऊ। चारा घोटाला मामले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव की पैरवी करने वाले जालौन के डीएम मन्नान अख्तर के खिलाफ योगी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। दरअसल फोन पर जज के पास लालू की पैरवी कर रहे अख्तर के खिलाफ मीडीया में आई खबरों के बाद सीएम योगी ने नाराजगी जताई है। जालौन के डीएम मन्नान अख्तर पर आरोप है कि उन्होंने आरजेडी प्रमुख लालू यादव की सजा कम करने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को फोन किया था। डीएम ने फोन पर लालू की पैरवी की थी। इसके अलावा जालौन के एसडीएम भैरपाल सिंह पर भी लालू की पैरवी करने का आरोप है।
इन खबरो के सामने आने के बाद सीएम योगी ने झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता को जांच के आदेश देते हुए इस मामले में रिपोर्ट भेजने को कहा है। दरअसल, जज शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले हैं। कुछ समय पूर्व जज शिवपाल सिंह यहां के जिला प्रशासन से अपनी कब्जा हुई जमीन को वापस दिलाने के लिए कह रहे थे। तब यह बात भी चर्चा में आई थी कि जज से कह दिया गया कि आप झारखंड में जज हैं न, आप कानून पढ़कर आएं।
जालौन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर ने हालांकि जज को फोन करने के अपने ऊपर लगे आरोप को सिरे से नकार दिया। डीएम ने कहा कि वह असम के रहने वाले हैं, उनका न तो झारखंड न ही बिहार या वहां की राजनीति से कोई लेना-देना है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जिसने भी इस तरह की खबर दी है, वह पहले इसका सबूत पेश करे। वहीं झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहा कि उन्हें अभी कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, पर सूचना मिल गई है कि इस मामले की जांच करनी है। आदेश मिलने के बाद ही वह इस मामले में कोई कुछ कह सकेंगे।