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कांग्रेस से नाराज मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या बीजेपी में हो जाएंगे शामिल?

सिंधिया कांग्रेस से नाराज मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या बीजेपी में हो जाएंगे शामिल?

भोपाल। मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक उन्हें मनाने में कांग्रेस अगर सफल नहीं हुई तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उन्हें राज्यसभा भेजने का बड़ा दांव चल सकती है. इससे एक तरफ जहां बीजेपी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में सफल हो जाएगी, तो दूसरी तरफ सिंधिया के रूप में पार्टी को एक और युवा चेहरा मिल जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस से अलग होने के बावजूद सिंधिया किन्हीं कारणों से बीजेपी में शामिल नहीं होते हैं तब भी पार्टी उन्हें बतौर निर्दलीय राज्यसभा भेज सकती है. इस तरह उन्हें मोदी सरकार में भी शामिल होने का मौका मिल सकता है. आज यानी 10 मार्च को उनके पिता माधवराव सिंधिया की 75वीं की जयंती है. ऐसे में चर्चा ये भी है कि क्या इस खास दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया कोई बड़ा ऐलान करेंगे?

आज यह सवाल इसलिए भी मौजू है क्योंकि 1993 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और अपनी अलग पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस बनाई थी. हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे. वहीं 1967 में जब मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा की सरकार थी तब कांग्रेस में उपेक्षित होकर राजमाता विजयराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जनसंघ से जुड़ गई थीं और जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव भी जीती थीं. मौजूदा सियासी हलचल के बीच अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने पिता और दादी की तरह कुछ नया ऐलान करेंगे?

सूत्रों का कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रबल दावेदार होने के बावजूद मुख्यमंत्री बनने से चूक जाने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया बाद में प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे, मगर दिग्विजय सिंह के रोड़े अटकाने के कारण नहीं बन पाए. फिर उन्हें लगा कि पार्टी आगे राज्यसभा भेजेगी, मगर इस राह में भी दिग्विजय सिंह ने मुश्किलें खड़ीं कर दीं. पार्टी में लगातार उपेक्षा होते देख सिंधिया ने बीजेपी के कुछ नेताओं से भी संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया. इसी सिलसिले में बीते 21 जनवरी को शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया की करीब एक घंटे तक मुलाकात चली थी. उसी दौरान सिंधिया के बीजेपी से नजदीकियां बढ़ने की चर्चा चली थी.

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