देहरादून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इस तरह नाराज हुए कि उनके हेलीकॉप्टर की लैंडिंग रोकने के लिए हेलीपैड पर ड्रम रखवा दिए। इसके चलते पायलट को हेलीकॉप्टर दूसरी जगह लैंड कराना पड़ा। मामले में सीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये सेना की निजी जमीन नहीं, बल्कि भारत देश की जमीन है। सीएम के चीफ सिक्युरिटी ऑफिसर ने भी इस बारे में थाना कैंट में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। बीते सोमवार को सीएम रावत को हेलीकॉप्टर से उत्तरकाशी जिले के सांवणी गांव रवाना होना था। यहां उन्हें अग्निकांड पीड़ितों का हाल-चाल जानना था और प्रभावित परिवारों को राहत राशि देनी थी। सीएम के हेलीकॉप्टर को देहरादून कैंट स्थित जीटीसी हेलीपैड से रवाना होना था और उत्तरकाशी में जखोल के अस्थायी हेलीपैड में उतरना था।
बता दें कि सीएम के चीफ सिक्युरिटी ऑफिसर के मुताबकि, इसी बीच दोपहर सवा 12 बजे जब सीएम की फ्लीट जीटीसी हेलीपैड जा रही थी, तो जीओसी सब-एरिया देहरादून मेजर जनरल जेएस यादव ने अपना प्राइवेट व्हीकल लाकर फ्लीट के आगे रोक दिया। सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट ने उन्हें बताया कि सीएम की फ्लीट आ रही है, इसलिए गाड़ी किनारे कर लीजिए। इस पर जीओसी भड़क गए और गाड़ी हटाने से मना कर दिया। सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट को धमकाते हुए जीओसी ने कहा कि ये हमारा (सेना का) एरिया है और यहां हमारी मर्जी से ही लोग आ-जा सकते हैं। जीओसी ने कहा कि यहां से आगे पुलिसवाले नहीं जा सकते। वो अपनी गाड़ियों के साथ बाहर ही रहेंगे। हालांकि, इसके बाद उन्होंने सीएम की गाड़ी को जाने के लिए जगह दे दी। इसके बाद सीएम हेलीपैड से उत्तरकाशी रवाना हो गए।
वहीं बीते सोमवार की दोपहर साढ़े तीन बजे सीएम वापस आए। उनका हेलीकॉप्टर जीटीसी पर बने हेलीपैड पर लैंड होना था। इसी वक्त कुछ जवानों ने हेलीपैड पर दो ड्रम लाकर रख दिए, ताकि हेलीकॉप्टर लैंड ना हो सके। जब हेलीकॉप्टर लैंड करने के लिए नीचे उतर रहा था, तब पायलट को ये ड्रम दिखे। पायलट ने दूसरी जगह लैंडिंग कराई।