नई दिल्ली। नया साल आ गया और उम्मीद जताई जा रही थी कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को 2018 में देखना मुमकिन हो पाएगा। पद्मावती पर सेंसर बोर्ड और निर्माताओं के बीच कथित समझौते की खबरों के बाद करणी सेना ने देशभर में फिल्म रिलीज के खिलाफ आंदोलन और बीजेपी को सबक सिखाने की धमकी दी है। करणी सेना कहीं से भी फिल्म को रिलीज नहीं होने देना चाहती है।
करणी सेना ने प्रसून जोशी को हटाने की मांग की।फिल्म पर सवाल उठाते हुए कहा कि भंसाली जेल से बाहर कैसे हैं। करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने जौहर प्रथा के उल्लेख पर गुस्सा दिखाया। उनका कहना था कि फिल्म में जौहर को महा मंडित करके दिखाया गया जो गलत है।माता पद्ममिनी ने जौहर इसलिए किया था क्योंकि वो नहीं चाहती थीं की खिलजी उनके मृत शरीर को हाथ लगाए।
करणी सेना ने कहा कि नोटबंदी के समय हमारे पास चार हजार रुपए भी नहीं थे और करोड़ो रुपए की फिल्म बना ली गई। जब सरकार ने फिल्म को अनुमति नहीं दी और ना ही सेंसर बोर्ड ने तो भंसाली पर देशद्रोह का केस क्यों नहीं दर्ज किया गया।