नई दिल्ली। एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को राज्य में छापे मारने या जांच करने के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली है। वहीं कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार ने इस तरह की किसी भी जरूरत से इनकार किया है। कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी. परमेश्वर ने राज्य में सीबीआई की एंट्री के सवाल पर कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आंध्र प्रदेश सरकार ने किस वजह से सीबीआई को प्रदेश में एंट्री से पहले इजाजत लेने की बात कही है। हमने तो कभी ऐसा कुछ अनुभव नहीं किया, इसलिए इस तरह के नोटिफिकेशन जारी करने की कोई जरूरत ही महसूस नहीं हुई।
बता दें कि इससे पहले आंध प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सीबीआई को राज्य में छापे मारने और जांच करने के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (गृह) एन चिनाराजप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि सहमति वापसी लेने की वजह देश की प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोप हैं। आंध्र प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को अपना समर्थन जताया। ममता ने भी प्रदेश में सीबीआई की एंट्री पर सामान्य रजामंदी को वापस ले लिया।
वहीं आंध्र सरकार के इस कदम को मोदी सरकार और मुख्यमंत्री नायडू के बीच टकराव और बढ़ने के तौर पर देखा जा रहा है। नायडू 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबले के लिए गैर-बीजेपी दलों का मोर्चा बनाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। हालांकि राजप्पा ने साफ किया कि सीबीआई केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ राज्य की अनुमति के बिना जांच कर सकती है।