नई दिल्ली। अनंत चतुर्दशी हर साल भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है इस बार अनंत चतुर्दशी 23 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन मुख्य रुप से भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। अनंत चतुर्दशी को अनंत व्रत करने का भी महत्व होता है। इस चतुर्दशी को भगवान अनंत यानि भगवान विष्णु का व्रत और पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पुरुष और महिला दोनों ही इस व्रत को कर सकते हैं। महिलाएं इस दिन सौभाग्य की रक्षा और सुख के लिए इस व्रत को करती हैं तो पुरुष ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए यह व्रत करते हैं।
क्यों करें-
- दरिद्रता का नाश करने के लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है।
- दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य की समस्याओं से रक्षा करने के लिए।
- विशेष मनोकामनाएं की पूर्ति के लिए।
- ग्रहों की बाधा से मुक्ति मिलती है।
- अनंतसूत्र बांधने से यह रक्षा कवच की तरह काम करता है।
कैसे करें व्रत-
- नहाने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की उपासना करें।
- उनके सामने चौदह गांठों से युक्त अनंतसूत्र रखें।
- “ॐ अनन्ताय नमः” के मंत्र जप के साथ भगवान विष्णु और अनंतसूत्र की पूजा करें। इसके बाद पुरुष इसको दाहिनी भुजा में और स्त्रियां बाईं भुजा में धारण करें।
- व्रत कथा सुनें और सुनाएं।
- शाम में फिर से भगवान विष्णु की पूजा करें
- शाम को बिना नमक के मीठी चीज़ का सेवन करें अगर आप इन सभी चीजों को करते हैं तो भगवान विष्णु आपके व्रत को सफल बनाएंगे और आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करेंगे।