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पुण्यतिथि पर जाने फिल्म शोले में ‘गब्बर सिंह’ की लवस्टोरी, इसलिए थी खास

gabbar पुण्यतिथि पर जाने फिल्म शोले में 'गब्बर सिंह' की लवस्टोरी, इसलिए थी खास

नई दिल्ली। फिल्म शोले  से गब्बर सिंह  के रुप में अपनी पहचान बनाने वाले अमजद ख़ान का जन्म 12 नवम्बर 1940 को हुआ था और इनकी मृत्यु: 27 जुलाई 1992 को हुई थी। अमजद ख़ान ने अपने फिल्मी सफर में करीब 200 फ़िल्मों में काम किया है। इसके अलावा अजमद खान ने अंग्रेजी की एक फ़िल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ में भी काम किया है इस फिल्म में उन्होंने एक सेठ का किरदार निभाया था। आज उनकी पुण्यतिथि के दिन हम आपको उनकी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो शायद ही किसी को पता हो।

पुण्यतिथि पर जाने फिल्म शोले में 'गब्बर सिंह' की लवस्टोरी
पुण्यतिथि पर जाने फिल्म शोले में ‘गब्बर सिंह’ की लवस्टोरी

शोले’ ने उठाया ‘द ग्रेट गैम्बलर’ ने नीचे गिराया

जी हां…कहा जाता है कि अजमद खान राजनीति से दूर और एक सच्चे और सीधे इंसान थे। अपने साथी कलाकारों में उनकी लोकप्रियता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि वे दूसरी बार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए थे। अमजद को निजी ज़िंदगी में जिस तरह ‘शोले’ ने उठाया उसी तरह ‘द ग्रेट गैम्बलर’ ने नीचे भी ला दिया। फ़िल्म द ग्रेट गैम्बलर की शूटिंग के दौरान गोवा से मुंबई आते समय एक कार दुर्घटना में उनके शरीर की हड्डियां टूट गई।

किसी तरह वे बच गए, लेकिन दवाइयों के असर ने उन्हें भारी भरकम बना दिया, जिस कारण वे कैमरे के लैंस में मिस फिट होने लगे। उन्हें काम भी कम मिलने लगा था। खासकर मोटे किरदार में उन्हें लिया जाता था। फिल्म शोले में गब्बर के रुप में फेमस होने वाले अजमद खान ने ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘दादा’ जैसी फिल्मों में भी गजब भूमिका अदा की। अजमद खान को फ़िल्म फेयर अवार्ड सहित कई अन्य अवार्डों से भी नवाजा गया है। क्या आपको पता है कि जो फिल्मों में लोगों पर जुल्म करते थे उनकी भी कोई लवस्टोरी थी जो कि बहुत ही रोमांचक थी। जी हां…. अमजद ख़ान का प्यार कोई और नहीं ब्लकि कल्पना अय्यर थी जो फ़िल्मों में बेबस-बेगुनाह नायिकाओं पर बेपनाह जुल्म ढांया करती थीं।

कैसे और कहां हुई दोनों की मुलाकात

अमजद और कल्पना की पहली मुलाकात एक स्टूडियो में हुई थी, जहां दोनों अलग-अलग फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे। फिर ये परिचय प्यार में बदला। कल्पना जानती थीं कि अमजद शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी हैं और उनके तीन बच्चे भी हैं। यदि कल्पना अमजद की बीवी बनने के लिए जिद करतीं, तो यह शादी हो भी जाती। लेकिन, दोनों ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि अगर दोनों शादी करते तो अमजद के भरे-पूरे परिवार में तूफान आ जाता। जब तक अमजद ख़ान जीवित रहे, वे कल्पना के दोस्त और गाइड बने रहे। कहते हैं कि अमजद चाय के बेहद शौकीन थे।

दिन भर में पच्चीस-तीस कप, वह भी चीनी के साथ। कल्पना ने उनकी इस आदत पर कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन जब भी वे कहतीं, अमजद हंसी में बात उड़ा देते। जब अमजद का इंतकाल हुआ, तो कल्पना उनके घर गई। कल्पना के कई शुभचिंतकों ने उनसे वहां न जाने की सलाह भी दी कि पता नहीं अमजद के परिवार वालों का क्या रवैया हो? कहीं वे उन्हें भीतर आने ही न दें, लेकिन कल्पना ने यह सलाह नहीं मानी। कल्पना जानती थीं कि वे अमजद की ब्याहता नहीं हैं, लेकिन वे वहां शोक मनाने गईं। अपने उस दोस्त को आखिरी सलाम करने गईं, जिसके साथ उनका बेनाम रिश्ता था। तो ये थी अजमद खान की लवस्टोरी।

यूं तो फिल्म शोले जैसी तमाम फिल्मों में जबरदस्त रोल निभाने वाले अजमद खान भले ही आज हमारे बीच ना हों पर वो सदैव हमेशा बीच रहेंगे। उनका एक डायलॉग आज भी हमारे बीच काफी फेमस है। जी हां… और वो डायलॉग है कितने आदमी थे और ये हाथ हमको दे दे ठाकुर। जिसके जरिए वो हमेशा हमारें बीच रहेंगे।

जन्मदिन विशेषः रमेश सिप्पी के पास शोले बनाने के भी नहीं थे पैसे

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