लखनऊ: सेवाकाल पूरा होने से पहले ही रिटायर किए गए आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने रिटायरमेंट से जुड़े अभिलेख मांगे हैं। इसके लिए उन्होंने पत्र भेजा है।
गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर अमिताभ ठाकुर को लोकहित में रिटायर किया गया था। इस मामले में पूर्व आइपीएस ने पत्र भेजकर अपनी अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश गृह विभाग और डीजीपी कार्यालय से सभी संबंधित अभिलेख मांगे हैं।
अमिताभ ठाकुर केंद्र व राज्य सरकार के फैसले से असहमत
अमिताभ ठाकुर ने भेजे अपने पत्र में लिखा कि, वे केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के आदेश से पूर्णतया असहमत हैं और इसे गलत मानते हैं। उन्होंने कहा कि, यह आदेश मात्र पूर्वाग्रह में पारित किया गया है, जिससे पढ़ाई कर रहे उनके दोनों बच्चों सहित उनके पूरे परिवार पर दुष्प्रभाव पड़ा है।
पत्र में उन्होंने कहा कि, वे इस निर्णय को चुनौती देना चाहते हैं, लेकिन इससे पहले वे उन तथ्यों एवं कारणों को जानना चाहते हैं, जिनके आधार पर यह निर्णय लिया गया। पूर्व आइपीएस अधिकारी ने कहा कि, ये राष्ट्र की संप्रभुता से जुड़े अभिलेख नहीं हैं और एक आदर्श नियोक्ता के रूप में सरकार से अपेक्षित है कि वे इन अभिलेखों को उपलब्ध कराएं।
केंद्र व राज्य सरकार से सात दिन में अभिलेख देने की अपील
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि, संभव है कि उन अभिलेखों को देखने के बाद उन्हें लगे कि सरकार के पास ऐसा निर्णय करने के पर्याप्त आधार थे और वे इस संबंध में कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करें, जिससे अनावश्यक कानूनी मुकदमों से बचत हो जाएगी। उन्होंने पत्र के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार से पत्र मिलने के बाद सात दिनों में सभी संबंधित अभिलेख देने का अनुरोध किया है।