चंडीगढ़। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली को लेकर एक बार फिर हरियाणा की शांति खतरे में पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। दो बार जाट आंदोलन और एक बार बाबा राम रहीम के कारण सुलग चुका हरियाणा एक बार फिर हिंसा की कगार पर पहुंच सकता है। दरअसल हरियाणा में आ रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर जाटों ने विरोध करने का ऐलान किया है।हालांकि आपात स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा ने केंद्र से अद्रधसैनिक बलों की 150 कंपनियां मांगी हैं। विरोध की आग को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने केंद्रीय गृह सचिव को कानून व्यवस्था के हालत से अवगत करा दिया है। वहीं प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर के निर्देश पर गृह सचिव और राज्य के डीजीपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक की है, जिसमें राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की गई और पुलिस और प्रशासनिक को चौकस रखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 15 फरवरी को जींद आ रहे हैं, जिसको लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने शाह के जींद में आने को लेकर विरोध करने की धमकी दी है।
इसी के साथ उनके आने के ठीक तीन दिन बाद 18 फरवरी को राज्य के जाटों ने बलिदान दिवस मनाने का एलान किया है। दरअसल साल 2016 में हुए जाटों के आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस नहीं होने और जाटों को आरक्षण न दिए जाने से हरियाणा का जाट समुदाय खफा है। प्रदेश सरकार हालांकि जाटों पर दर्ज 70 मुकदमे वापस लेने का निर्णय ले चुकी है, लेकिन इस फैसले पर अभी अमल नहीं हुआ है। ऐसे में राज्य में तनाव की स्थिति बन रही है।अमित शाह के हरियाणा दौरे की तैयारियों में जुटी बीजेपी सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो गई है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने भी एसवाइएल नहर निर्माण समेत जनहित के कई मुद्दों पर शाह को काले झंडे दिखाने व काले गुब्बारे छोड़कर विरोध जताने का एलान कर रखा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर भी शाह के आगमन के विरोध में हैं। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं। हरियाणा में अब तक तीन बार हुई हिंसा में 73 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में दो बार जाट आंदोलन हुआ। 2016 के जाट आंदोलन में 31 लोगों की मौत हुई थी और 800 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खाक हो गई थी। पंचकूला में हुई डेरा प्रेमियों की हिंसा में 42 लोग मारे गए थे। अब फिर उसी तरह के हालात बन रहे हैं।