नई दिल्ली:भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 23 तारीख को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली कर राजधानी में चुनावी तैयारियों का बिगुल फूंकेंगे। यह रैली दिल्ली प्रदेश के पूर्वांचल मोर्चे की अगुवाई में कराई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य पार्टी से पूर्वांचल के लोगों को भारी संख्या में जोड़ना है।
सातों सांसद और प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे
रैली की तैयारियों की कमान प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और पूर्वांचल मोर्चे के अध्यक्ष मनीष सिंह के हाथ में है। दिल्ली प्रदेश के पूर्वांचल मोर्चे के प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया कि पूर्वांचली लोग भाजपा से बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं। उनके इस योगदान को और अधिक मजबूती देने के लिए इस रैली का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर दिल्ली के सभी सातों सांसद और प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे।
विधानसभा सीटों में भारी संख्या में रहता है
दरअसल, पूर्वांचली समाज दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों और ज्यादातर विधानसभा सीटों में भारी संख्या में रहता है। यह समाज अकेले दम पर भी कई सीटों के परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि सभी सियासी दल इसे खुद से जोड़ने के लिए विशेष उपाय करते रहते हैं।
भाजपा ने इसके लिए अपने एक विशेष प्रकोष्ठ की स्थापना कर रखी है। उसने पहले सतीश उपाध्याय और फिर मनोज तिवारी को प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर इसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट बांटने में इस वर्ग की बहुत उपेक्षा की गयी थी जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। वह 70 सीटों की विधानसभा में 32 से घटकर महज तीन सीटों पर सिमट कर रह गयी थी।
मिली जानकारी के मुताबिक अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अपनी तैयारियों में कोई कमी बाकी नहीं रखना चाहती। यही कारण है कि सितंबर माह से शुरू होकर अगले साल के फरवरी माह तक लगातार हर महीने एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा।
इसमें पार्टी के शीर्ष नेता भाग लेंगे। अमित शाह की आगामी रैली के बाद युवा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, एससीएसटी मोर्चा और महिला मोर्चा अपनी रैली करेंगे। स्वयं प्रधानमंत्री भी कुछ रैलियों में भाग ले सकते हैं।