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अमित शाह को मिल सकता है गृह या वित्त मंत्रालय और जयंशकर को विदेश मंत्रालय

modi cabinet अमित शाह को मिल सकता है गृह या वित्त मंत्रालय और जयंशकर को विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में लौटी बीजेपी ने गुरुवार को अपनी दूसरी पारी का आगाज कर दिया। एनडीए का नेतृत्व करने वाली बीजेपी ने इस बार लोकसभा में 303 सीटें हासिल कर अपनी ताकत पहले से और भी ज्यादा मजबूत की है और इसकी झलक गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नए कैबिनेट की शक्ल पेश करते हुए दिखा दी। इस बार मोदी ने अपने नए कैबिनेट को जो रूप दिया है उसमें पिछली सरकार के 40 फीसदी मंत्रियों को जगह नहीं मिली है। इस बार प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु को भी अपनी नई कैबिनेट के लिए नहीं चुना। इसके अलावा उन्होंने पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को अपने कैबिनेट में चुनकर जानकारों को हैरान कर दिया।

इस शपथ समारोह से पहले ही यह उम्मीद की जा रही थी कि अपनी दूसरी पारी में अपनी ताकत को और बढ़ाकर लौटे मोदी अपनी नई पारी में कई तरह के संदेश देंगे। कई अनुभवी चेहरों को अपने मंत्रिमंडल में न चुनकर उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्होंने नए मंत्रिमंडल में इमेज के आधार पर नहीं बल्कि ‘मेरिट (योग्यता)’ और फिटनेस के आधार पर अपनी टीम तैयारी की है।

इस शपथ समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा 57 मंत्रियों (पीएम समेत 58) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस कार्यक्रम में 24 ने कैबिनेट मंत्री के रूप में, 9 ने स्वतंत्र प्रभार, जबकि 24 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि किस मंत्री को कौन सा पोर्टफोलियो मिला है यह अभी साफ नहीं हुआ और इसकी तस्वीर अब शुक्रवार से ही साफ होना शुरू होगी।

इस बीच हमारे सहयोगी ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ को करीबी सूत्रों से मालूम चला है कि इस बात की पुरजोर संभावनाएं हैं कि अमित शाह को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष शाह के लिए दूसरी संभावनाएं वित्त मंत्रालय में भी नजर आ रही हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भी संकेत मिले हैं कि राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है और अगर शाह को गृह मंत्रालय मिलता है तो फिर वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण को दी जा सकती है।

मोदी मंत्रिमंडल में ‘मजबूत सरकार’ की झलक उसके सहयोगियों के साथ देखने को मिल गई है। मंत्रिमंडल में जेडीयू ने बीजेपी से एक और पद की मांग की थी, लेकिन बीजेपी ने उसकी यह मांग मानने से इनकार कर दिया। मोदी के 58 सदस्यों वाले इस मंत्रि परिषद में 6 महिलाओं को शामिल किया गया है।

इस बार सुषमा स्वराज जैसी वरिष्ठ नेता को उनके स्वास्थ्य कारणों के चलते मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि मोदी ने यह झलक दिखा दी है कि अब विदेश मंत्रालय में एक नई सोच की जरूरत महसूस की जा रही है। पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभाल सकते हैं। मोदी जयशंकर को तब से जानते हैं, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और जयशंकर भी आर्थिक-राजनीतिक जरूरतों को समझते हुए रणनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री की विदेश नीति को भी बखूबी समझते हैं।

जयशंकर का अनुभव भारत के अमेरिका के साथ-साथ एशिया प्रशांत महासागर के देशों से रिश्ते और गाढ़े करने के काम आएगा।
करीबी सूत्रों की मानें तो पिछली सरकार में कानून मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद को इस बार वाणिज्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा संभावनाएं यह भी हैं कि पूर्व राजनयिक हरदीप सिंह पुरी, जिन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में कैबिनेट में जगह दी गई है, वह भी इस पद पर नियुक्त हो सकते हैं। पुरी को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और व्यवसायिक मसलों की गहरी समझ है।

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