अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड नीति ने चीन के विकास की गति धीमी कर दी है।बता दें कि चीन पर अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर का असर इसलिए भी पड़ रहा है क्योंकि चीन कर्ज का लगातार बढ़ रहा है। चीन को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए निवेश के संकट से जूझना पड़ रहा है।अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के असर से चीन की GDP ग्रोथ रेट 9 साल के नीचे स्तर पर चली गई है।मालूम हो कि चीन सरकार ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में जुलाई से सिंतबर तिमाही के दौरान चीन की जीडीपी ग्रोथ महज 6.5 फीसदी दर्ज हुई है। इससे पहले दोनों तिमाहियों में चीन को 6.8 और 6.7 फीसदी की ग्रोथ रेट प्राप्त हुई थी।
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चीन के नैशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट की वजह से जीडीपी ग्रोथ में गिरावट दर्ज हुई है।ब्यूरो ने इस गिरावट के लिए अमेरिकी बाधा के अलावा चीन सरकार को भी इस बढ़ते कर्ज के लिए जिम्मेदार बताया है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सतत खराब हो रहे वैश्विक परिवेश में चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था पर लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।जानकारी के अनुसार चीन सरकार के प्रवक्ता माओ शेंगयॉन्ग ने कहा कि ट्रेड वॉर के चलते चीन के लिए स्थिति खराब हो रही है।उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर चीन सरकार को आर्थिक सुधार और विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेड वॉर का गंभीर असर चीन पर इसलिए भी पड़ रहा है क्योंकि वह लगातार बढ़ते कर्ज के संकट में है।
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प्रवक्ता ने कहा कि चीन सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए निवेश की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जबकि इसी हफ्ते हुई चीन सरकार की कैबिनेट बैठक में दावा किया गया कि वह हर हाल में बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए निवेश की व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा। लेकिन इसके उल्ट वैश्विक स्तर पर जानकारों का मानना है कि अगले एक साल तक चीन सरकार के लिए ऐसा कर पाना सहज नहीं है।वहीं दूसरी तरफ अमेरिका से लगातार व्यापार में रुकाट बढ़ाने के बाद चीन अपने एक्सपोर्ट से राजस्व में बड़ी गिरावट देख रहा है। चीन सरकार के इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए सिर्फ क्रेता ( खरीददार) देशों से ही मदद की उम्मीद है।गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में अमेरिका ने चीन के उत्पाद पर प्रतिबंध लगाकर उसे एक्सपोर्ट में बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
चीन की ‘ओबीओर’ परियोजना
चीन सरकार के व्यापार घाटे के पीछ उसकी महत्वाकांक्षी योजनाऔं में धन खर्च करना है। आपको बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में जनवरी से सितंबर के समय चीन सरकार ने इंफ्रा के क्षेत्र में पुल, रेलवे और हाईवे बनाने के बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए है। इन्हीं प्रोजेक्ट्स में वन बेल्ट वन रोड (ओबीओर) परियोजना भी शामिल है। इस परियोजना के तहत एशिया के अधिकांश देशों में चीन बड़े इंफ्रा परियोजना की वित्त व्यवस्था कर रहा है