अमेरिका – जहाँ एक ओर ईरान के न्यूक्लियर डील में वापसी और प्रतिबंध कम करने की चर्चा चल रही है वहीं इस बीच तनाव बढ़ाने वाली ये खबर आ रही है कि अमेरिकी सेना द्वारा उन ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गयी है जिन्हें सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया ग्रुप इस्तेमाल करते थे। ये इराक में अमेरिकी सेना पर किए रॉकेट हमले का जवाब है। गौरतलब है कि बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान से अमेरिका का तनाव कुछ कम हुआ था।
बाइडेन प्रशासन की पहली सैन्य कार्यवाही –
बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने सीरिया में की इस एयरस्ट्राइक को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंजूरी दी थी। फिलहाल अभी किसी अमेरिकी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। बता दे कि अमेरिका ने बीते कुछ सालों में कई बार जवाबी सैन्य हमले किये है। लेकिन बाइडेन प्रशासन की यह पहली सैन्य कार्रवाई है। कहा जा रहा है कि इस एयरस्ट्राइक का असर पूरी दुनिआ पर पड़ सकता है।
क्या कहना है एसओएचआर का –
बता दे कि इस सैन्य कार्रवाई की एसओएचआर द्वारा अवहेलना की गयी है। साथ ही उसने अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई को लेकर आरोप लगाया कि देश के उत्तरी हिस्से में अमेरिका सीरियाई सैन्य काफिले की तैनाती में बाधा पहुंचाना चाहता है। साथ ही बता दे कि इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में सीरिया के उत्तरी शहर रक्का के पास सीरिया के सैन्य काफिले को अमेरिकी युद्धक विमानों ने निशाना बनाया था। रक्का के अल-रसाफिह क्षेत्र में सीरिया के सैन्य काफिले को अमेरिकी युद्धक विमानों ने उस वक्त निशाना बनाया जब सैन्य काफिला तबाका शहर की ओर बढ़ रहा था। जबकि बताया जा रहा है कि तुर्की ने अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर रखी है।