स्पूतनिक न्यूज एजेंसी, नई दिल्ली। वर्ष के शुरुआत में हुई ईरानी जनरल की मौत के मामले में एक नया मोड़ उस वक्त आ गया जब रूसी अनुसंधान केंद्र के उप-महानिदेशक रेजोनेंस अलेक्जेंडर स्टुचिलिन ने कहा है कि उनकी कंपनी द्वारा निर्मित रडार ने अमेरिकी सेना के यूएस-35 स्टेल्थ विमानों व सेना को ट्रैक करने में मदद की है।
उन्होंने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कासिम सोलेमानी की हत्या बड़ी घटनाओं में से एक है। रेज़ोनस प्रमुख ने कहा कि उनका रडार ईरान में कई वर्षों से लगातार युद्ध सेवा पर है। हालाकि स्टुचिलिन के बयान पर अभी तक न तो रूसी और न ही अमेरिकी अधिकारियों ने कोई टिप्पणी की है।
सोलीमनी और वरिष्ठ इराकी मिलिशिया कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस अमेरिकी अमेरिकी ड्रोन हमले में हमले में 3 जनवरी को बगदाद के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपनी कार पर मारे गए थे। इसके परिणामस्वरूप तेहरान और वाशिंगटन के बीच तनाव बढ़ गया, ईरान ने आधिकारिक रूप से दो इराकी सैन्य ठिकानों पर अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर इस घटना का जवाब दिया।
हालाकि हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन पेंटागन ने आरोप लगाया कि 109 अमेरिकी सैनिकों के मस्तिष्क में गंभीर चोट लगी हैं।
8 मई 2018 से शुरु हुआ अमेरिका-ईरानी तनाव अब तक बना हुआ है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2015 के ईरान परमाणु समझौते से राष्ट्र के एकतरफा बाहर निकलने की घोषणा की, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) का नाम दिया गया। यह भी तेहरान के खिलाफ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों की कड़ी है।
कुल मिलाकर देखना यह है कि अमेरिका और इरान का बयान इसके संबंध में अब क्या आता है, रूस के रडार के संबंध में यह नया खुलासा करके रडार कंपनी के अधिकारियों ने एक नई बहस छेड़ दी है। ईरानी कमांडर के मारे जाने के बाद से ईरान में जबरदस्त रोष देखने को मिला था और कई तरह के प्रतिबंधों को करने की चेतावनी यों के बावजूद ईरान अपने रुख पर कायम रहा और अमेरिका से विरोध दर्ज कराता रहा।