वाशिंगटन। पाकिस्तान में लड़कियों के धर्म परिवर्तन कराने के खिलाफ अमेरिकी आधारित सिंधी संगठन यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में इस विषय पर विरोध करने की योजना बना रहे हैं। 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की बैठक में वह इस विषय पर आवाज उठाएगा। सिंधी संगठन हमेशा से पाकिस्तान के खिलाफ जबरन लड़कियों के धर्म परिवर्तन कराने के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। इस संगठन ने फैसला लिया है कि वह ‘सेफ सिंधि गर्ल’ के तहत ये काम करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, हर साल 1 हजार सिंधी हिन्दू लड़कियों की जबरन शादी कराने के बाद इस्लाम कबूल कराया जाता है। उस दौरान इन लड़कियों की उम्र 12 से 18 होती है। बता दें कि थोड़े दिन पहले पाकिस्तान की एक सिख लड़की का पाकिस्तान में जबरन शादी कराके धर्म परिवर्तन की भी खबर सामने आई थी।
बता दें कि मिली जानकारी के मुताबिक, हर महीने 40 से 60 सिंधि लडकियों इसका शिकार बनती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन के मुताबिक, जनवरी 2004 से मई 2018 में पाकिस्तान में सिंधी लड़कियों के धर्म परिवर्तन के केस कम से कम 7 हजार 430 हुए हैं। पाकिस्तान के ह्यूमन राइट कमीशन के मुताबिक, इन लड़कियो की गुमशुदा होने की जानकारी पुलिस को दी जाती है तो वह इसकी अनदेखी करते हैं।
वहीं सिंधी संगठन के मुताबिक, इस तरह के धर्म परिवर्तन में राजनीतिक नेता और आर्मी का भी हाथ होता है। खबरों के मुताबिक, मिआन मिथु एक राजनीतिक लीडर और धार्मिक नेता हैं, जो सिंधी लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराते हैं। इसके अलावा सिंधी संगठन ने दावा किया है कि इनका आर्मी और पाकिस्तान पीएम इमरान खान से संबंध हैं, जो उन्हें बिना किसी इजाजत के ऐसा काम करने देते हैं।