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WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता था अमेरिका, जाने क्या होगा इसका असर

डोनाल्ड ट्रंप WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता था अमेरिका, जाने क्या होगा इसका असर

यू.एस ब्यूरो। कोरोना वायरस महामारी का कहर अमेरिका पर सबसे अधिक देखने को मिला है, यहां 6 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में हैं और 25 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के फैलाने का आरोप चीन में लगाया और साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी इसका ठीकरा फोड़ा। इसी का नतीजा रहा कि अमेरिका ने अब WHO की जाने वाली फंडिंग को रोकने का फैसला लिया है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि WHO ने महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती, उसकी ओर से ऐसे कदम उठाए गए जिसने चीन की मदद की। अमेरिका सबसे अधिक फंडिंग करता है, फिर भी उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनियाभर में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर कामकाज करता है, इस दौरान पूरे साल कुछ ना कुछ प्रोग्राम चलते रहते हैं। इसी के लिए हर देश अपनी ओर से WHO में इन्वेस्ट करता है, जिसमें एक लंबे वक्त से अमेरिका सबसे बड़ा फंड देने वाला देश है।

वहीं अगर अमेरिका के फंड की बात करें, तो पिछले साल उसने WHO में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी जो कि WHO के कुल बजट का 15 फीसदी है। अगर इस मुकाबले चीन की बात करें तो उसकी फंडिंग इसके सामने कुछ भी नहीं लगती है। चीन ने इस दौरान 76 मिलियन डॉलर का फंड दिया, इसके अलावा 10 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद दी। यानी अब अगर अमेरिका ये फंडिंग रोक देता है, तो WHO को बड़ा झटका लगेगा, जिसकी पुष्टि खुद संगठन ने की है। अमेरिका के फैसले के बाद WHO ने कहा कि ऐसा फैसला लेने का ये सही वक्त नहीं था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मार्च 2020 में एक कैंपेन चलाया गया, जिसके तहत वह कई देशों से इस महामारी से निपटने के लिए मदद ले रहा था। इसमें भी अमेरिका और चीन उन देशों में से एक हैं, जिन्होंने सबसे अधिक मदद की है। WHO की वेबसाइट के अनुसार, कोरोना संकट के लिए चीन ने 20100000 अमेरिकी डॉलर दिए हैं जबकि अमेरिका की ओर से 14694650 डॉलर की मदद दी गई है। व्हाइट हाउस पर भी दी गई जानकारी में इस बात को साफ दिखाया गया है कि कैसे अमेरिका ने पिछले कुछ वक्त में धीरे-धीरे WHO में अपने बजट को कम किया है। क्योंकि ये पहली बार नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप और WHO आमने-सामने आए हो। 2019, 2020 और 2021 के साल के खर्च को देखें तो व्हाइट हाउस ने WHO को दिए जाने वाले फंड में बड़ी कटौती की है।

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