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चीन की हेकड़ी निकालने के लिए अमेरिका ने खेल मुस्लिम कोर्ड बुरा फंसा पाकिस्तान..

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कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। क्योंकि चीन से निकले कोरोना ने सबसे ज्यादा बबाही अमेरिका में मचाई हुई है।america 1 4 चीन की हेकड़ी निकालने के लिए अमेरिका ने खेल मुस्लिम कोर्ड बुरा फंसा पाकिस्तान..

जिसको देखते हुए अमेरिका चीन पर लगातार लगाम कसता जा रहा है।

चीन भी अपनी गलती मानने की वजह अमेरिका को धमकाता हुआ नजर आ रहा है। और लगाचार सीमा से लगे हुए देशों पर दबाब बनाकर उन्हें डराने की कोशिश कर रहा है।

ताजा उदाहरण आप भआरत और चीन की सीमा लद्दाख को लेकर देख सकते हैं। तो वहीं हांगकांग पर भी चीन दबाब बनाता जा रहा है।

जिसका तोड़ निकालने के लिए अमेरिका ने मुस्लिम कार्ड खेला है। जो पाकिस्तान और चीन की गले की हड्डी बन गया है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने को उइगुर मुस्लिमों का उत्पीड़न करने के जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को भारी बहुमत से मंजूरी दे दी है।

अब इस बिल को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंजूरी के लिए व्हाइट हाउस भेजा गया है।
इस बिल के लिए हुए वोटिंग में पक्ष में 413 वोट जबकि खिलाफ में केवल 1 वोट पड़ा।

बिल के पास होने के बाद कई नेताओं ने कहा कि सीनेट ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास किया है जिससे मानवाधिकारों का हनन करने पर चीन पर प्रतिबंध लगाया जा सके।

रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बिल पर जल्द हस्ताक्षर करेंगे।

उइगुर मुस्लिमों को लेकर पारित बिल पर अमेरिका और चीन के बीच विवाद और गहराने की संभावना है।

चीन जहां इसे अपने संप्रभुता का उल्लंघन बताएगा वहीं अमेरिका इसे मानवाधिकारों से जोड़कर उठाया गया कदम करार देगा।

चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड वॉर, साउथ चाइना सी और कोरोना वायरस को लेकर जांच पर विवाद है।

उइगुर मुसलमानों को लेकर अमेरिकी सीनेट में पारित बिल इमरान खान के लिए मुसीबत बन सकती है। इमरान न तो इस बिल का खुलकर विरोध करेंगे और न ही समर्थन।

आपको बता दें कि उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर आज तक पाकिस्तान से कोई विरोध सामने नहीं आया है। क्योंकि वो इस मुद्दे पर न तो चीन का विरोध कर सकता है और ने ही अमेरिका का समर्थन।

उइगुर मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के लोग हैं जिनकी भाषा उइगुर भी तुर्क भाषा से काफी मिलती-जुलती है। उइगुर तारिम, जंगार और तरपान बेसिन के हिस्से में आबाद हैं।

उइगुर खुद इन सभी इलाकों को उर्गिस्तान, पूर्वी तुर्किस्तान और कभी-कभी चीनी तुर्किस्तान के नाम से पुकारते हैं।

चीन में उइगुर मुस्लिमों का सबसे ज्यादा शोषण होता है।ये मुद्दा दुनाय के सामने अमेरिका के साथ कई देश उठा चुके हैं।

चीन में लगातार इन मुस्लिमों की संख्या घटती जा रही है। चीन इन मुस्लिमों के धर्म को लेकर काफी शोषण करता है।

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यही कारण है कि, चीन के इसी शौषण को अमेरिका ने अपना हथियार बना लिया है। अब चीन इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा दे देखना बेहद दिलचस्प होगा।

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