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दुनिया को कोरोना देने वाले चीन के आये बुरे दिन, अमेरिका के इस कदम से होगा तीसरा विश्व युद्ध..जानिए कोरोना के बीच कैसे मचेगी तबाही..

america 1 दुनिया को कोरोना देने वाले चीन के आये बुरे दिन, अमेरिका के इस कदम से होगा तीसरा विश्व युद्ध..जानिए कोरोना के बीच कैसे मचेगी तबाही..

पूरी दुनिया को कोरोना जैसी महामारी देकर चीन दुनिया पर राज करने के मनसूबे पाल बैठा है। तभी तो विश्व की सबसे बड़ी चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपना दबदबा बनाने के सपने देख रहा है। और अपना बनाने का दावा भी कर रह है।
चीन की इन्हीं नापाक हरकतों को देखते हुए अमेरिका ने चीन पर लगाम लगाने के लिए नई चाल चल दी है।

amrica 2 दुनिया को कोरोना देने वाले चीन के आये बुरे दिन, अमेरिका के इस कदम से होगा तीसरा विश्व युद्ध..जानिए कोरोना के बीच कैसे मचेगी तबाही..
आपको बता दें,समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की दो महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच प्रशांत महासागर तनाव का केंद्र बन गया है।

चीन जहां बहुत तेजी से अपने हथियारों के ज‍खीरे को और ज्‍यादा बढ़ा रहा है, वहीं दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका ने भी बीजिंग के साथ किसी भी जंग के लिए कम कस ली है।

अमेरिका ने अपनी सफलतम मिसाइलों में से एक टॉमहॉक क्रूज मिसाइल को लॉन्च करने जा रहा है।अ‍मेरिका अपने मरीन सैनिकों को भी टॉमहॉक मिसाइल से लैस करने जा रहा है। यही नहीं ट्रंप प्रशासन अब एशिया प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी के और जमीन से लॉन्‍च किए जाने वाले क्रूज मिसाइलों को तैनात करने की योजना बना रहा है।

यही अमेरिका ने कई दशक के बाद लंबी दूरी के एंटी शिप मिसाइल को बनाने पर काम तेज कर दिया है। अमेरिका के इस कदम के बाद अब चीन ने कहा कि अमेरिका धौंस दिखाना बंद करे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि, अगर ऐसा ही चलता रहा तो कोरोना के बीच तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है।

एक तरफ चीन और नॉर्थ कोरिया तो दूसरी ओर अमेरिका की युद्धक तैयारियों को देखकर लगने लगा है कि दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध का संकट बढ़ता जा रहा है।

अमेरिका की जवाबी युद्ध की तैयारियों से घबराये चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को अपने वायदे के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में गतिविधियां सीमित रखनी चाहिए।

यनि की कहीं न कहीं अब चीन को अहसास हो चला है कि, अमेरिका चीन की बढ़ती शक्ति रोकने के लिए कदम उठा रहा है।

https://www.bharatkhabar.com/aliens-airbase-found-aviation-plate-seen-in-aksai-china/
अगर अमेरिका ऐसे ही दखल देता रहा तो चीन जो एशिया में सबसे पावरफुल बनने के सपने देख रहा है। वो पूरे नहीं हो सकेंगे।

इसीलिए चीन अमेरिका को हदों में रहने की बात कर रहा है। तो वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस रणनीति पर काम करते हुए न केवल क्रूज और मिसाइल तैनाती का फैसला किया है। साथ ही अमेरिका मरीन्स को नैवी के साथ तैनात कर चीन के जंगी बेड़ों पर अचानक हमला कर ध्वस्त करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है।

ये मरीन्स एंटी शिप मिसाइल से लैस होंगे। अमेरिकी कमाण्डर्स के मुताबिक लैण्ड बेस्ड क्रूज मिसाइलों की तैनाती से न केवल चीन की चालों पर काबू पाया जा सकेगा बल्कि वाशिंगटन से बीजिंग को एक संदेश भी देने की कोशिश हो रही है कि अगर युद्ध हुआ तो चीन विनाशकारी लीला को देखेगा।

अमेरिकी कमाण्डरों का कहना है कि उनका मकसद तीसरा विश्व युद्ध छेड़ना नहीं बल्कि चीन के मंसूबों को नियंत्रित करना है।

इसलिए अब चीन बुरी तरह से तिलमिला गया है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि, क्या करे।

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