वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप का ये फैसला ईरान के सांसदो को रास नहीं आ रहा है। अमेरिका के फैसले का विरोध करने के लिए ईरानी सांसदों ने अमेरिका के झंडे को फूंक दिया और डील की प्रतीकात्मक कॉपी को भी जला दिया। दूसरी तरफ ट्रंप के फैसले से भड़के ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि वे अपने विदेश मंत्री को समझौते में शामिल सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बातचीत करने के लिए भेज रहे हैं।
अमेरिका का विरोध कर रहे संसद के स्पीकर अली लरीजानी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंदबुद्धि हैं इसलिए उनके पास डील के साथ चलने की मानसिक क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए योग्य नहीं है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका के बिना भी ये समझौता कायम रह सकता है। रूहानी ने कहा कि अगर इस संक्षिप्त अवधि की समाप्ति पर हमें लगा कि समझौते के तहत हम अपनी मांगों को हासिल कर पाने में सफल रहेंगे तो ये समझौता बना रहेगा।
दूसरी तरफ अमेरिका के इस फैसले के बाद फ्रांसीसी राजदूत का बयान आया है। भारत में मौजूद फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिगलर ने कहा कि हमें अमेरिका के निर्णय पर खेद है। हम समझौते में बने रहेंगे। हम अपने यूरोपीय भागीदारों के साथ इस समझौते को लागू करना जारी रखेंगे और हम व्यापक रूपरेखा पर काम करेंगे। वहीं यूरोपीय राजनयिकों ने कहा कि ट्रंप को यह समझौता नहीं तोड़ने के लिए मनाने में वह पूरी तरह से असफल रहे। ट्रंप के फैसला लेते ही अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ तेहरान के रिश्तों में दरार आना तय हो गया है।