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PM मोदी का प्रभाव-वर्ल्ड बैंक ने भी की तारिफ

Untitled 6 PM मोदी का प्रभाव-वर्ल्ड बैंक ने भी की तारिफ

नई दिल्ली। पीएम मोदी का विदेशों में क्या प्रभाव पड़ रहा है इससे कोई अछूता नहीं है। पड़ौसी राज्य से सबंध बनाने की बात हो वर्ल्ड बैंक में अपने देश की पहचान बनाने की हर जगह पीएम मोदी अपना काम बखूबी कर रहे हैं। बता दे कि पीएम मोदी के इन्हीं कामों की सराहना करते हुए संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड बैंक ने विद्युतीकरण के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की सराहना की है।

इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए वर्ल्ड बैंक ने कहा कि उनके कार्यकाल में देश की जनसंख्या के 85 फीसद आबादी तक बिजली की पहुंच संभव हो सकी है। वर्ल्ड बैंक के द्वारा जारी किए गए अपने ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 से लेकर 2016 के बीच भारत हर साल 30 मिलियन लोगों तक बिजली की सुविधा मुहैया करवा रहा है, ये आंकड़ा किसी अन्य देश के मुकाबले ज्यादा है।

भारत के लिए एक बड़ी चुनौती

बता दे कि वर्ल्ड बैंक ने साथ ही ये भी कहा है कि इनके सबके बावजूद बाकी बचे 15 फीसद जनसंख्या के पास बिजली की पहुंच बाकी है और ये भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। वर्ल्ड बैंक के प्रमुख एनर्जी इकोनॉमिस्ट विवियन फोस्टर ने कहा कि भारत इस लक्ष्य को 2030 तक हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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घोषणा के बाद रिपोर्ट

बता दे कि वर्ल्ड बैंक की ये रिपोर्ट तब आई जब जब एक सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत के सभी गांव आज बिजली से रौशन है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया कि देश की जनसंख्या का 85 फीसद आबादी आज बिजली का इस्तेमाल कर रहा है। भारत इस मामले में बेहतरीन और सराहनीय काम कर रहा है। यह आश्चर्यचकित करने वाला है। आपको बता दें कि हालांकि विश्व बैंक की पद्धति घरेलू सर्वेक्षण पर आधारित है, जबकि सरकार के आंकड़े आधिकारिक उपयोगिता कनेक्शन पर आधारित हैं।

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सराहनीय प्रयास

बता दे कि वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में साफ कहा है कि भारत किसी अन्य देश के मुकाबले पूर्ण विद्युतीकरण के क्षेत्र में काफी सराहनीय काम कर रहा है। हर साल तीस मिलियन लोगों तक बिजली की सुविधा मुहैया करवाना अपने आप में एक बेहद सराहनीय काम है और यही इसे अन्य देशों से अलग करता है। हालांकि भारत विद्युतीकरण के क्षेत्र में सबसे तेजी से विकास करने वाला देश नहीं है।

विश्वसनीयता चुनौती है विद्युत सेवा

इकोनॉमिस्ट विवियन फोस्टर ने कहा कि भारत विद्युतीकरण के मामले में अपने अंतिम चरण में चल रहा है और भारत वर्तमान में 80 फीसद का लक्ष्य पूरा कर चुका है लेकिन अब आगे की चुनौती और भी मुश्किल होगी, क्योंकि जितना दूरस्थ इलाके में जायेंगे उतना ही वहां बिजली की पहुंच मुश्किल होगी। हालांकि बिजली सेवा की विश्वसनीयता आज भी भारत में चिंता का विषय है। हम जानते हैं कि भारत के कुछ भागों में बिजली की सेवा आपूर्ति बाधित होती रहती है। इसलिए भारत को इस दिशा में भी अभी बहुत काम करना है। लोगों को बाधारहित बिजली की सेवा देना अभी भी एक चुनौती है।

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