बेरूत। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाई हमलों की घोषणा करने के बाद सीरिया की राजधानी शनिवार की सुबह तेज विस्फोटों से दहल उठी और आसमान में घना धुआं छा गया है। ट्रंप ने हमले का आदेश सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमलों में करीब 40 लोगों की मौत के बाद दिया है। बता दें कि सीरिया पर हमला करने के लिए अमेरिका के साथ फ्रांस और ब्रिटेन भी खड़े हो गए हैं। वहीं इन देशों को जवाब देने के लिए सीरिया के साथ रूस और ईरान आकर खड़े हो गए हैं।
पूर्वी दमिश्क से धुआं निकलता हुआ दिखाई दे रहा है और चहुंओर काले धुएं का गुबार छा गया है। सीरियाआई मीडिया के मुताबिक वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र और सीरिया के वायु रक्षा ने दक्षिण दमिश्क की तरफ आ रहे अमेरिका के 13 रॉकेटों को नाकाम कर दिया है। वहीं हमले के बाद सीरिया के राष्ट्रपति असद का कहना है कि अच्छे लोगों को अपमानित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये अंतर्राष्ट्रीय कानून का सीधे तौर पर उल्लंघन है, जोकि अंतर्राष्ट्रीय वैधता की अवमानना को दर्शाता है।
ट्रंप ने शुक्रवार रात अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर सीरियाई राष्ट्ररति बशर अल असद को कथित रासायनिक हमले के लिए दंडित करने और उन्हें ऐसा दोबारा करने से रोकने के लिए सैन्य हमले करने की घोषणा की थी। सीरिया सरकार लगातार प्रतिबंधित हथियार के इस्तेमाल की बात नकार रही है. अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस का कहना है कि प्रारंभिक हवाई हमलों में अमेरिकी हार की कोई रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने आगे और हमले करने की संभावना को खारिज किये बिना कहा कि फिलहाल ये एकमात्र हमला है।
मैटिस ने कहा कि रासायनिक हथियार बनाने में असद के मददगार विभिन्न स्थलों पर हमला किया गया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले के प्रभावों का आकलन किया जाना अभी बाकी है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा हमले न ही गृहयुद्ध में हस्तक्षेप और न ही शासन में बदलाव के लिए हैं लेकिन सीमित और लक्षित हमले हैं जो क्षेत्र में और तनाव उत्पन्न नहीं करेंगे और नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं रूस ने तीनों देशों की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उसने इन देशों को आंख दिखाते हुए कहा है कि इसका नतीजा युद्ध हो सकता है।