बाराबंकीः लखनऊ-अयोध्या हाइवे पर देर रात हुए हादसे में 18 लोगों की मौत ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में हुई मौतों का आंकड़ा कम हो सकता था, लेकिन जारी एंबुलेंस की हड़ताल की वजह से समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी।
जानकारी के मुताबिक, घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस के इमरजेंसी नंबर 108 पर कई बार कॉल किया गया लेकिन उधर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल पाया।
दरअसल, सोमवार से एंबुलेंस चालक और कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से जरुरमंदों को इमरजेंसी सेवाएं नहीं मिल पाती हैं। मंगलवार देर रात रामसनेही घाट थाना पुलिस जिस वक्त घटनास्थल पर पहुंच गई थी, उस वक्त अगर एंबुलेंस भी समय पर पहुंच जाती तो शायद और की लोगों की जान बचाई जा सकती थी। दारोगा सच्चिदानंद राय ने बताया कि एंबुलेंस के लिए 108 पर कई बार कॉल किया गया लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला। जिसके कारण रेस्क्यू के लिए एसपी यमुना प्रसाद और डीएम आदर्श सिंह को सूचित किया गया।
अधिकारियों ने हड़ताल पर डटे एंबुलेंस चालकों को इमरजेंसी बताकर तत्काल मौके से पहुंचने का निर्देश दिया। जिसके घंटों बाद करीब 10 एंबुलेंस घटनास्थल पहुंची। इस दौरान पुलिस ने जो भी जिला मुख्यालाय की ओर जा रहे खाली वाहन देखे, उनपर घायलों को लादकर अस्पताल भिजवाया। इस दौरान यातायात को वनवे किया गया और करीब सुबह 4 बजे तक यातायात को समान्य करने में बीत गया।
बारिश भी बनी बाधा
घटना के वक्त अंधेरी रात और ऊपर से बारिश के कारण घायलों की मदद करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। पुलिस ने बताया कि सभी यात्री बिहार के रहने वाले थे। ये हरियाणा से बिहार की ओर जा रहे ते। तभी कल्याणी नदी के पुल पर बस खराब हो गई। ड्राइवर ने बस किनारे लगाकर रुक गया। इस दौरान सभी यात्री बस से नीचे उतरकर आगे रोड पर ही बैठ गए और कुछ नींद की वजह से लेट गए।
बस चालक और कंडेक्टर खराब एक्सल को ठीक करने में जुट गए। इस दौरान करीब आधे घंटे बाद एक तेज रफ्तार ट्रक ने बस को ठोकर मारते हुए 50 मीटर आगे तक घसीट ले गया। इस दौरान करीब 45 यात्री ट्रक की चपेट में आ गए।