लखनऊ: अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस चालक रविवार रात 12 बजे से हड़ताल कर रहे थे। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से लोगों को काफी समस्या हो रही थी। इस मामले का संज्ञान सीएम योगी ने खुद लिया। सीएम ने कहा था अगर किसी की जान एंबुलेंंस ना मिलने की वजह से हुई तो उसपर एफआईआर होगी। प्रदेश में अभी एस्मा एक्ट लगा है इस संबध में भी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद एंबुलेंस चालकों को अपनी हड़ताल स्थगित करनी पड़ी।
मांगे पूरी होने के बाद भी हड़ताल…
एएलएस एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगे पूरी किए जाने के बाद भी हड़ताल वापस न लिए जाने और एस्मा एक्ट लागू होने के बाद भी हड़ताल करने पर सरकार ने कर्मचारियों पर कहा है कि मरीजों और लोगों को दिक्कत हो रही है।
एम्बुलेंस यूनियन के पदाधिकारी बर्खास्त किए गए
एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई ने एम्बुलेंस यूनियन पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि जो भी कर्मचारी दोपहर 3 बजे तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं उन सभी को बर्खास्त कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार भी इन सभी के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर रही है।
इन कर्मचारियों पर गिरी गाज
जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें हनुमान पांडेय, सुशील पांडेय, शरद यादव, सुनील सचान, प्रवीण मिश्रा, सतेन्द्र कुमार, बृजेश कुमार, गिरजेश कुमार, जयशंकर मिश्रा, महेन्द्र सिंह, नीतीश कुमार, रितेश शुक्ला, विनय तिवारी सहित अन्य हैं।