मंगल ग्रह सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी रहस्य का विषय बना हुआ है। यही कारण है कि, दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह के रहस्य जानने के लिए लगे रहते हैं। अब इसी राह पर अरब देश भी चल पड़े हैं। अरब देशों का मंगल ग्रह पर पहला अभियान शुरू होने वाला है। यह संयुक्त अरब अमीरात के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला चरण होगा। मिशन का उद्देश्य है मंगल ग्रह के वातावरण के मौसम के रहस्यों को सुलझाना।
यूएई के नौ सैटेलाइट पहले से अंतरिक्ष में हैं और उसकी योजना है कि आने वाले वर्षों में आठ और सैटेलाइट तरिक्ष में भेजे जाएं।लगभग एक बड़ी गाड़ी के आकार के जैसे 1,350 किलोग्राम के इस प्रोब का प्रक्षेपण जापान के तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई को होगा, लेकिन मौसम और अन्य परिवर्तनशील कारणों को देखते हुए प्रक्षेपण की अवधि को अगस्त की शुरुआत तक रखा गया है।यूएई के इस सेटेलाइट का नाम ‘अल-अमल’ है। ये अरबी शब्द है, इसका मतलब होता है ‘उम्मीद’। ‘अल-अमल’ को पृथ्वी से मंगल तक की 49.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करने में सात महीने लग जाएंगे।
आने वाले समय में अरब देशों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा।आपको बता दें, सितंबर में यूएई ने पहली बार अंतरिक्ष में अमीराती एस्ट्रोनॉट भी भेजा। हज्जा अल-मंसौरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने।
कजाखस्तान से भेजे हुए एक सोयुज रॉकेट में अल-मंसौरी दो और साथियों के साथ अंतरिक्ष में पहुंचे और आठ दिनों के मिशन को पूरा कर वापस लौट आए। इस मिशन के दौरान वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले अरब नागरिक बने।
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अरब देश लगातार अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं।