उत्तराखंड। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में नगरपालिका में 23 गांवों को शामिल करने का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को इसी विरोध प्रदर्षन के चलते गांधी पार्क में भारी संख्या में लोग जमा हुए। लोगों ने पार्क में दरना देते हुए गांवों के शामिल होने का भी विरोध किया। विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि जब पहले से पालिका अपनी खस्ताहाली को लेकर रो रही है तो उसमें गांवों को शामिल करने का क्या मतलब है। वहीं इसी को लेकर जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अगर सरकार अपना फैसला नहीं लेती है तो हम उग्र आंदोलन करने से बी पिछे नहीं हटेंगे।
बता दें कि धरने में शामिल हवालबाग के क्षेत्र पंचायत सदस्य गणेश बिष्ट ने कहा कि अल्मोड़ा शहर और गांवों की स्थिति में ज़मीन-आसमान का अंतर है। ग्रामीण क्षेत्रों की अपनी ज़रूरतें हैं और वह नगरपालिका पूरी नहीं कर सकती। गणेश बिष्ट ने कहा कि किसी भी सूरत में वह गांवों को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल नहीं होने देंगे और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। खत्याड़ी गांव के प्रधान हरीश कनवाल ने कहा कि वह गांवों को किसी भी सूरत में नगरपालिका में शामिल नहीं होने देंगे। इसके विरोध में भले ही अदालत जाना पड़े या आत्मदाह क्यों न करना पड़े।