निर्मल उप्रेती , संवाददाता
आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा मिल सके इसके लिये अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को महूर्त रुप मे लाने की कवायद वर्षों से चल रही है। लेकिन मेडिकल कॉलेज का यह सपना कब अस्तित्व में आयेगा यह एक प्रश्न बना हुआ है। अगर इसमें गौर करे तो इसका सपना तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी द्वारा इसका शुभारंभ किया गया था । लेकिन दो दशक बिताने के बाद भी करोड़ों रूपयों की लागत लगने के बाद भी मेडिकल कॉलेज सिर्फ एक सपना बनकर रह गया है । अब वर्तमान में मेडिकल कॉलेज मेडिकल कॉन्सिल द्वारा इसका निरीक्षण करना है पर यहां ओपीडी और फैकल्टी अभी भी अधुरी नजर आ रही है।
जबकि सूत्रों के आधार पर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में 52 महत्वपूर्ण चिकित्सक की फेकेल्टी के सापेक्ष सिर्फ 35 चिकित्सक अभी तक आये हैं। वही निर्माण कार्य अभी भी अधूरे हैं । वही ओपीडी बहुत कम है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज एम.एम.सी की शर्तों पर कैसे खरा उतर पायेगा यह भी एक बड़ा सवाल है । हालांकि मेडिकल के प्राचार्य इस पर पूरी ताल ठोक रहे हैं उनका कहना है कि सभी व्यवस्थाआं को जल्द पूरा किया जा रहा हैं ।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिटटू कर्नाटक ने इस पर सवाल खड़े कड़ते हुए कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज सिर्फ एक जू खाना बन गया है। भाजपा सरकार सिर्फ मेडिकल के दावे के नाम पर लोगो को गुमराह कर राजनैतिक रोटियां सेंकने में लगी है। जबकि मेडीकल कॉलेज के पर छलावा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो चिकत्सक वर्तमान में तैनात हैं वो भी एक दो घंटे काम करके यहां से गायब हो जाते हैं । ऐसे में मेडिकल काउंसिल के मानक कैसे पूरे होंगे उन्होंने दावा किया है कि 2021 में मेडिकल कॉलेज को चालू करने के भाजपा सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे हैं ।