अपनी मिठास के लिए दुनियाभर में फेमस अल्मोड़ा की बाल मिठाई का कारोबार कोरोना के कारण चौपट हो चुका है। ठीक पर्यटन सीजन में ही कोरोना ने इस कारोबार पर चोट की है।
जिससे दशकों से इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों की हालत खस्ता है। पूरे जिलेभर के मिठाई कारोबारियों को इस सीजन में लगभग 5 करोड़ के नुकसान का आकलन लगाया जा रहा है। वहीं इस कारोबार से जुड़े 500 के लगभग परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिस कारण मजबूरन कई दुकानदारों ने अब इस व्यवसाय से मुंह मोड़ लिया है।
कारोबार हुआ बंद
सांस्कृतिक नगरी की एक पहचान यहां की बाल मिठाई भी है। यहाँ की बाल मिठाई विदेशों तक पहुँचती थी। बाहर से अल्मोड़ा आने वाले पर्यटक वापस लौटे वक्त अपने साथ बाल मिठाई जरूर ले जाते थे। खासकर इन दिनों पर्यटन सीजन में बाल मिठाई की हर साल भारी बिक्री हुआ करती थी। देश विदेश से इस सीजन में पहुचने वाले पर्यटको की खास पसंद यहाँ की बाल मिठाई ही होती थी। जिससे बाल मिठाई के कारोबारियों की सालभर की आजीविका चलती थी।
लगातार पड़ रही कोरोना की मार
पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना की दूसरी लहर ने पर्यटन सीजन पर उनके कारोबार पर चोट पहुचाई है। व्यापारी पहले से ही घाटे में चल रहें है। बाल मिठाई व्यवसायियों की अब हालत खस्ता हो गयी है। अल्मोड़ा के माल रोड में स्थित दर्जनों मिठाई की दुकानें लंबे समय से बंद पड़ी है।
नुकसान नहीं हो रहा कम
कारोबारियों की माने तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है जिलेभर में करीब 220 दुकानें बाल मिठाई के कारोबार से जुड़ी हैं। जिसमें अकेले अल्मोड़ा नगर व उसके आसपास छोटे बड़े लगाकर लगभग 70 दुकानें हैं, जिनमें कई बाल मिठाई के कारोबारियों की 10 से 20 हजार तक की रोजाना सेल होती थी. आज यह कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है।