आगरा: यूपी में इस समय बाढ़ का कहर है। चंबल नदी में बाढ़ ने घड़ियालों को भी परेशान किया है। तेज बहाव में बड़े घड़ियाल लगभग 70 से 80 किलोमीटर पानी में बह गए है। घड़ियाल के छोटे बच्चों को भी नुकसान पहुंचा है। पानी कम होने पर घड़ियाल अपनी पुरानी जगह पर लौट पा रहे है। मगरमच्छ भी नदी में वापस कूद कर पहुंच गए है। मगरमच्छ और घड़ियालों पर सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है।
सभी दुर्लभ जातियां का सरंक्षण किया जा रहा
2008 से चंबल नदी में घड़ियालों की नेचुरल हैचिंग कराई जा रही है। डॉल्फिन, मगरमच्छ, घड़ियाल के साथ दुर्लभ जातियों का सरंक्षण किया जा रहा है। 2021 में घड़ियालों ने 4300 बच्चों को जन्म दिया था। जबकि मगरमच्छों ने करीब 900 बच्चों को जन्म दिया है। यह सभी बच्चे नदी में उतर भी गए थे। लेकिन चंबल नदी में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। बाढ़ की वजह से नगरमच्छ छोटे बड़े नाले में चले गए थे। वहीं बड़े घड़ियाल गहरी नदी में उतर गए थे। घड़ियाल के दो से ढ़ाई फुट के बच्चे तेज बहाव को नहीं सह पाए तो वह पानी के साथ बह गए।
घड़ियालों का है अपना आशियाना
वन विभाग की जानकारी के अनुसार राजस्थान बॉर्ड से इटावा के बीच घड़ियालों का निवास है। नदी में पांच-छह किलोमीटर तक के दायरे में नर घड़ियाल रहता है। उसके बीच में 20 से 25 मादा रहती है। इन मादा घडियालों से नर घड़ियाल मीटिंग करता है। नदी में घड़ियालों के यह आशियाने थे पर बाढ़ की वजह से इनके आशियाने छिन गए।