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लखनऊः नहीं बनी चाचा-भतीजे में बात तो ओवैसी के साथ नजर आ सकते हैं शिवपाल

लखनऊः नहीं बनी चाचा-भतीजे में बात तो ओवैसी के साथ नजर आ सकते हैं शिवपाल

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। चुनाव से पहले सभी पार्टियां छोटे-मोटे दलों के साथ मिलकर गठजोड़ की कवायद में लग गई हैं। इस बार चुनाव में कई नए गठबंधन देखने को मिल सकते हैं।

समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSP) मुखिया शिवपाल यादव भी कई छोटे दलों के साथ गठबंधन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर चाचा-भतीजे का गठबंधन नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में PSP एआईएमआईएम के साथ नजर आ सकती हैं। शिवपाल यादव और ओवैसी एक मंच पर साथ दिख सकते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश का रुख किया है। शिवपाल यादव के साथ ओवैसी की गठबंधन की चर्चाएं तेज हो रही है। वहीं, दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। ऐसे में शिवपाल यादव किसके पाले में जायेंगे ये अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। बता दें कि बीते दिनों सैफई में भतीजी की शादी में मुलायम सिंह का पूरा परिवार एक साथ नजर आया था। इस दौरान अखिलेश यादव और शिवपाल भी शादी समारोह में साथ नजर आए।

गठबंधन से किसका नुकसान?

विधानसभा चुनाव में अगर शिवपाल और ओवैसी एक साथ नजर आते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान एसपी और कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। बिहान विधानसभा चुनाव में भी AIMIM ने आरजेडी-कांग्रेस के गठबंधन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था।

बता दें कि ओवैसी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों के लिए एकजुट होने का पहले ही निर्देश दे दिया है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर ओवैसी से काफी प्रभावित है।

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