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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में बेरोजगारी को लेकर छात्रों का जुलूस, सौंपा ज्ञापन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में बेरोजगारी को लेकर छात्रों का जुलूस, सौंपा ज्ञापन

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने बढ़ती बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर छात्र संघ के भवन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा के छात्रों ने हिस्सा लिया।

छात्रों की तरफ से सभा के माध्यम से बढ़ती आत्महत्या और बेरोजगारी पर आवाज उठाई गई। इसके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।

छात्रसंघ भवन पहुंचा प्रशासन

छात्र के अनुसार उनके आंदोलन से प्रशासन काफी सकते में आ गया, इसीलिए तय समय से 2 घंटे पहले ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पहुंच कर ज्ञापन ले लिया गया। उन्हें डर था कि छात्र भारी संख्या में कचहरी तक भी और सकते हैं। वहां मौजूद वक्ताओं ने कहा कि पूरे देश में छात्र और युवा काफी परेशान हैं, इसलिए आत्महत्या के मामले भी सामने आ रहे हैं।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में बेरोजगारी को लेकर छात्रों का जुलूस, सौंपा ज्ञापन

इलाहाबाद शहर में ही पिछले एक माह में कम से कम 13 युवाओं के आत्महत्या की खबरें आ चुकी हैं। छात्रों में एनसीआरबी का डाटा भी प्रस्तुत किया, जिसकी 2019 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 90,000 युवकों में पिछले 1 साल में आत्महत्या की है। आंकड़ों का खेल यह भी कहता है कि जैसे सारी नौकरियां ज्यादा निकलती है, उस वर्ष आत्महत्या के मामलों में काफी गिरावट देखने को मिली है।

नए पदों के सृजन पर लगी रोक

नाराज छात्रों ने सरकारी नीतियों पर सवाल खड़े किए, उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च कम करने के नाम पर विभिन्न विभागों ने नए पद सृजित करने पर रोक लगाई जा चुकी है। छात्रों ने बताया कि जो थोड़ी बहुत वैकेंसी निकलती है, उसमें भी सही तरीके से पूरी प्रक्रिया संपन्न नहीं होती। इसके कई उदाहरण अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, प्राथमिक शिक्षक और यूपीपीसीएल जैसी परीक्षाओं में देखने को मिल चुके हैं। एसएससी जैसी परीक्षाओं का परिणाम कई-कई सालों तक लम्बित रखा जा रहा है।

रोजगार का अधिकार हो मौलिक अधिकार

छात्रों ने कहा कि बहुत सारे लोग जवानों से रोजगार के अवसर छीने ने जा रहे हैं और अपने सगे संबंधियों को इसका फायदा दिया जा रहा है। इसके खिलाफ आंदोलन करने वाले छात्रों को जेल भेजने की नीति अपनाई जा रही है। छात्र आंदोलन को लगातार दबाने का प्रयास जारी है।

उन्होंने कहा कि ज्ञापन में मांग की गई है कि हर काम करने योग्य नागरिक के लिए रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए। परीक्षाओं के विज्ञापन से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक की समय सीमा निर्धारित की जानी चाहिए।

छात्रों ने कहा कि प्रदेश में अभी भी कई सारे ऐसे पद हैं, जो खाली हैं। उन्हें भरने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। इसके साथ ही ठेका देने की प्रथा पर भी रोक लगना काफी जरूरी हो गया है। सरकारी विभागों में नियमित काम कर रहे सभी कर्मचारियों को स्थायी किया जाये और ऐसे सभी पदों पर स्थायी भर्ती की जाये। इसके साथ ही इस सभा में भगत सिंह रोजगार गारंटी कानून को भी पारित किए जाने की मांग की गई।

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