गोरखपुर। गोरखपुर मामले में आए दिन एक के बाद एक नए मोड सामने आ रहे हैं। अब इस मामले में दाखिल जनहित याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार से बच्चों की मौत के कारण की विस्तृत जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट द्वारा योगी सरकार से जानकारी मांगी गई है कि आखिर क्या कारण था जोकि बच्चों की मौत हुई है। कोर्ट ने इसका जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया है। इल मामवे में अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होनी है।
हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला जस्टिस विक्रम नाथ और दया शंकर तिवारी ने सुनाया है। हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के अभिवक्ता संजय भसीन को सुनने के बाद दिया है। इस दौरान सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि सरकार इस मामले में काफी सख्त है और हर संभल कदम सरकार की तरफ से उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि जब मुख्य सचिव की रिपोर्ट सामने आ जाएगी तो इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट द्वारा सरकार से 6 हफ्तों में इसका जवाब देने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई सारे बच्चों की मौत हो गई थी। यहां पांच दिन में 63 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत का कारण अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को 66 लाख रुपए के करीब भुगतार होना बाकी था। वही इस घटना के बाद सियासत में भी काफी गर्मा-गर्मी देखी जा रही है। आए दिन इस मामले में बयानबाजी जारी है। लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी अस्पताल में मौत का तांडव शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। दरअसल गुरुवार शाम को खबर आई की गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में 8 बच्चों की मौत हो गई है। इसको देखते हुए सियासत एक बार फिर से अपने चरम स्थान पर पहुंच गई है।