प्रयागराज: कोविड-19 संक्रमण के कारण पूर्ण रूप से न खुलने वाला इलाहाबाद उच्च न्यायालय अब एक मार्च से पूरी तरह से खुलने जा रहा है। इसका मतलब अब यहां सारे काम उसी तरीके से होंगे, जैसे कोरोना काल से पहले होते थे।
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चीफ जस्टिस के आदेशानुसार यह जानकारी निबंधक शिष्टाचार आशीष श्रीवास्तव ने दी है। जानकारी के अनुसार, अब हाईकोर्ट कार्यालय में जजेज के स्टाफ सहित सभी कर्मचारी और अधिकारी ड्यूटी पर आएंगे। हालांकि, कोविड संक्रमण के मद्देनजर कुछ बदलाव भी किए गए हैं।
दैनिक काज लिस्ट नहीं होगी प्रकाशित
निबंधक शिष्टाचार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फिलहाल दैनिक काज लिस्ट अगले आदेश तक प्रकाशित नहीं होगी। कोर्ट में लिस्ट वाले मुकदमे अतिरिक्त काज लिस्ट में नए मुकदमों के साथ छपते रहेंगे। वकील गाउन पहन कर आएंगे। मुंशियों का भी प्रवेश होगा। हालांकि, वादकारियों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अधिवक्ता चेंबर कैंटीन भी खुलेगी।
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरूरी
अदालत में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा पान या गुटखा खाकर थूकने पर जुर्माना वसूला जाएगा। ई-टिकट काउंटर पहले की तरह खुले रहेंगे। सभी अदालतें नियमित रूप से बैठेंगी। मुकदमों, अर्जियों का दाखिला भी पूर्व की भांति फिर से ई-मोड के साथ स्टाम्प रिपोर्टिंग सेक्शन में शुरू होगा। अनुभागों से फाइलों को कोर्ट में सेनेटाइजेशन करके भेजा जाएगा। फोटो आइडेंटिफिकेशन सेंटर भी खुल जाएगा। रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल के अनुसार, अन्य मामलों मे 18 मार्च, 20 की स्थिति बहाल होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का कार्य बहिष्कार
उधर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील गुरुवार और शुक्रवार को कार्य बहिष्कार पर हैं। असल में, बार एसोसिएशन ने एजुकेशन ट्रिब्यूनल (शिक्षा सेवा अधिकरण) की प्रधान पीठ लखनऊ में स्थापित किए जाने का विरोध किया है। इसी कारण से इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का फैसला किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि, अधिवक्ताओं ने शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ प्रयागराज में बनाए जाने की मांग की है।