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बागेश्वरःआरक्षण को लेकर अखिल भारतीय समानता मंच,समानता एकता मंच ने संयुक्त रुप से विशाल मशाल जुलूस निकाला

मसाल जुलूस बागेश्वरःआरक्षण को लेकर अखिल भारतीय समानता मंच,समानता एकता मंच ने संयुक्त रुप से विशाल मशाल जुलूस निकाला

आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर बागेश्वर मे अखिल भारतीय समानता मंच और समानता एकता मंच ने संयुक्त रुप से नगर में विशाल मशाल जुलूस निकाला। जुलूस में कर्मचारी, व्यापारी, महिलाएं, बार एसोसिएशन के सदस्यों के साथ भारी संख्या में बेरोजगार युवक युवतियों ने भागीदारी की।आपको बता दें कि जुलूस ऐतिहासिक नुमाइशखेत मैदान से नगर के मुख्य मार्गों का भ्रमण कर चैक बाजार पहुंचा। जहां पर विशाल जनसभा के साथ जुलूस का समापन हुआ।

 

मसाल जुलूस बागेश्वरःआरक्षण को लेकर अखिल भारतीय समानता मंच,समानता एकता मंच ने संयुक्त रुप से विशाल मशाल जुलूस निकाला
बागेश्वरः अखिल भारतीय समानता मंच,समानता एकता मंच ने संयुक्त रुप से विशाल मशाल जुलूस निकाला

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पदोन्नति में आरक्षण का विरोध, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के खिलाफ, एससी-एसटी एक्ट के तहत बिना जांच के गिरफ्तारी का विरोध सहित आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर सामान्य जनमानस ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया।गौरतलब है कि ऐतिहासिक नुमाइशखेत मैदान में दोपहर बाद से ही लोग जमा होने लगे। शाम ढलते ही भारी संख्या में जमा लोगों का कारवां विशाल जुलूस की शक्ल में हाथों में मशाल थामे नगर की प्रमुख गलियों से निकला। मौजूद लोगों ने जमकर नारेबाजी की। चैक बाजार में जुलूस के समापन से पूर्व विशाल सभा की गई।

दोनों मंचों के पदाधिकारियों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पुरजोर मांग की

मशाल जुलूस  में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए दोनों मंचों के पदाधिकारियों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पुरजोर मांग की। उन्होंने एससी-एसटी एक्ट के वर्तमान स्वरुप से होने वाले नुकसान बताए। समाज में समानता की मांग की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के चलते सवर्णों पर जबरन कानून न थोपे। यदि ऐसा किया गया तो आने वाले समय में राजनीति दलों का बहिष्कार किया जाएगा।

अगर राजनीतिक दल इस तरह के कानून को जबरन थोपेंगे तो आने वाले दिनों में उनका विरोध किया जाएगा

विशाल जुलूस के बाद हुई जनसभा में वक्ताओं ने बताया कि राजनीतिक दलों की हठधर्मिता और समाज को बांटने की कोशिश को किसी भी हाल में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दल इस तरह के कानून को जबरन थोपेंगे तो आने वाले दिनों में उनका विरोध किया जाएगा। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के बहिष्कार की भी चेतावनी दी।जिस प्रकार से मशाल जुलूस में भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा वह अपने आप में सरकार के प्रति लोगों के गुस्से को प्रदर्शित करने के लिए काफी है। अब देखना यह है कि समानता मंच और एकता मंच का यह प्रयास क्या रंग लाता है।

निर्मल उप्रेती

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