नई दिल्ली। संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा है कि भारत ब्रिक्स के साथ अपने संबंधों को महत्वपूर्ण मानता है। यह पारस्परिक समकालीन वैश्विक मुद्दों पर परामर्श, समन्वय और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। उन्होंने यह बातें चीन के तियानजिन में आयोजित ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्रिक्स देश में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं हैं हम एक दूसरे की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते हैं।
बता दें कि यह सम्मान दोस्ती, सहानुभूति और सहयोग के बंधनों के विकास के लिए भी योगदान देगा।
शर्मा ने कहा की भारत अपनी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे वैश्विक आर्थिक साझेदारी, वैश्विक शासन, लोक-से-लोगों के आदान-प्रदान, व्यापक आर्थिक समन्वय, एजेंडा 2030, अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता, खुली विश्व अर्थव्यवस्था, आईएमएफ सुधार पर चीन और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ काम करेगा। हम मीडिया, खेल, शिक्षा, पारंपरिक दवाएं, और छात्रों और विद्वानों और संस्कृतियों का आदान प्रदान करेंगें । हम चीन और दक्षिण अफ्रीका में पहले से आयोजित भारतीय त्योहारों के माध्यम से हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन कर रहे हैं। हम इसी चरण में अगले साल सितंबर में ब्राज़ील और रूस में भी इसी तरह के त्यौहार को आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं मंत्री ने कहा कि आज हम विकास और आधुनिकीकरण के रास्ते में एक जबरदस्त बदलाव के बीच में हैं, लेकिन उसके साथ-साथ हम पुस्तकीय जानकारी और विचारों की खुली और स्वतंत्र पहुंच प्रदान करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।हम ज्ञान और संस्कृति के प्रवेश द्वार के रूप में, पुस्तकीय समाज में मौलिक भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय, एक संस्था के रूप में, दुनिया भर में मनुष्य की कहानी बताता है,और बताता है कि वर्षों से मानवता इस पर्यावरण में कैसे बची है। शर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक मानचित्रण के लिए कलाकारों से ऑनलाइन डेटा संग्रह करने के लिए भारत ने सांस्कृतिक मानचित्रण के तहत एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है, जो कलाकार के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है।