नई दिल्ली। शराबबंदी पर णके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं शराब बंदी का समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि इसे एक बार प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन यह विफल रहा और प्रतिबंध हटा दिया गया। आजादी के बाद से गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया लेकिन यह गुजरात है जहां शराब की खपत सबसे अधिक है, घर-घर में शराब पाई जाती है। गहलोत ने कहा कि यह है महात्मा गांधी की गुजरात की हालत। कुछ कड़े इंतजाम होने तक प्रतिबंध का कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को निजी अस्पतालों से अपील की कि वह गरीबों को रियायती दर पर इलाज उपलब्ध करवाएं और बाकी मरीजों के लिए भी इलाज वाजिब दरों पर दें। गहलोत सवाई मानसिंह चिकित्सालय में नवनिर्मित हृदय प्रतिरोपण ऑपरेशन थियेटर, राज्य अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (सोटो) के कार्यालय तथा ई-लाईब्रेरी का लोकार्पण कर रहे थे।
वहीं इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में देश का सबसे अव्वल राज्य बने। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा का माध्यम है, धन कमाने का जरिया नहीं। उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों से अपील की कि वह गरीब मरीजों को रियायती दरों पर इलाज उपलब्ध करवाएं साथ ही अन्य मरीजों के लिए भी इलाज की दरें वाजिब रखें।
साथ ही उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर काम करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे बढ़कर सरकार का सहयोग करना चाहिए। गहलोत ने कहा, ”हमारे समाज में चिकित्सक को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं हो सकता। चिकित्सकों को भी इस बात का ख्याल रखते हुए ही मरीजों का इलाज करना चाहिए।
वहीं उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति द्वारा डाक्टर के साथ दुर्व्यवहार के कारण अस्पताल के सभी चिकित्सकों का हड़ताल पर चले जाना उचित नहीं है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है।