उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तीसरी बार आगामी 12 अक्टूबर से पार्टी की ‘समाजवादी विजय यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी कहना है कि अखिलेश यादव की यात्राएं पार्टी के लिए भाग्यशाली रहीं हैं। साथ ही यात्रा निकालने के बाद पार्टी सत्ता में लौटी है।
हालांकि अखिलेश यादव की समाजवादी विजय यात्रा में दूसरे जिला के कार्यकर्ता शामिल नहीं हो पाएंगे मतलब यह है कि जिस जिले में विजय यात्रा होगी केवल उसी जिले के समाजवादी कार्यकर्ता यात्रा में शामिल हो सकेंगे।
साथ ही समाजवादी विजय यात्रा से अखिलेश यादव सियासी ताप को नापने की कोशिश करेंगे व यात्रा के जरिए संगठन की चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। समाजवादी पार्टी की यह विजय यात्रा कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर जाएगी। इस यात्रा के मद्देनजर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि, “उनकी 2001 की क्रांति रथ यात्रा के बाद, समाजवादी पार्टी 2002 में सत्ता में लौट आई और 2011 की यात्रा के बाद, यह फिर से सत्ता में लौट आई और वह पहली बार मुख्यमंत्री बने। इस बार भी, हम सत्ता में लौटने के लिए तैयार हैं।” अन्य वाक्य में कहा कि, विजय यात्रा’ का उद्देश्य लोगों को भाजपा सरकार की ‘भ्रष्ट, निरंकुश और दमनकारी’ नीतियों के बारे में जागरूक करना और वास्तविक लोकतंत्र को बहाल करना है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि, प्रदेश में अमानवीय और असंवेदनशील सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पार्टी अध्यक्ष ‘समाजवादी विजय यात्रा’ निकालने जा रहे हैं। इसके अलावा इस विजय यात्रा 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक पूरे राज्य को कवर करेगी। इसके अलावा यह यात्रा लखनऊ से शुरू होगी और पहली बैठक उन्नाव में होगी जिसे पार्टी के लिए भी भाग्यशाली माना जाता है। साथ ही चौधरी ने कहा कि, यात्रा के सभी चरण से कुछ देर पहले मार्गों की घोषणा की जाएगी।