लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं। यही वजह है कि प्रदेश की योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है।
अखिलेश-मायावती ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ओर जहां डीएपी के बढ़े रेट को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा तो वहीं, दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है।
डीएपी की कीमत बढ़ने से सपा अध्यक्ष नाराज
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीएपी की कीमत बढ़ने पर नाराजगी जताई और भाजपा पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया- ‘भाजपा राज में किसानों पर दोगुनी मार।’
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सपा मुखिया ने ट्वीट किया- ‘किसान पहले से ही फसल का उचित दाम न मिलने के कारण परेशान हैं, लेकिन अब उनकी परेशानी और बढ़ चुकी है क्योंकि DAP के दाम में ₹300 तक की वृद्धि हो चली है।’ उन्होंने आगे मांग करते हुए लिखा कि, ‘भाजपा सरकार किसानों पर अत्याचार बंद कर बढ़े हुए दामों को वापस ले।’
भाजपा राज में किसानों पर दोगुनी मार!
किसान पहले से ही फसल का उचित दाम न मिलने के कारण परेशान हैं लेकिन अब उनकी परेशानी और बढ़ चुकी है क्योंकि DAP के दाम में ₹300 तक की वृद्धि हो चली है।
भाजपा सरकार किसानों पर अत्याचार बंद कर बढ़े हुए दामों को वापस ले। pic.twitter.com/IFj9A2P1l8
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2021
निजी कंपनियों ने बढ़ाए डीएपी के दाम
गौरतलब है कि प्रदेश में निजी कंपनियों ने 50 किलोग्राम के बैग के दाम 300 रुपये तक बढ़ा दिए हैं। अभी तक डीएपी के 50 किग्रा के एक बैग का दाम 1200 रुपये था, लेकिन निजी क्षेत्र पीपीएल व जीएसएफसी ने इसकी कीमत 300 रुपए बढ़ाते हुए प्रिंट रेट 1500 रुपये कर दिया है।
मायावती ने कानून व्यवस्था पर साधा निशाना
उधर, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करते हुए प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर गहरी चिंता व्यक्त और सरकार को सलाह भी दे डाली।
बसपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘यूपी में खासकर महिलाओं की असुरक्षा से संबंधित जघन्य अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, जो अति-दुःखद व चिन्ता की बात। पीलीभीत व गोण्डा में महिला असुरक्षा, एटा में पुलिस बर्बरता व झाँसी में केरल की ननों को ट्रेन से उतार देने आदि की घटनाएं शर्मनाक व अति-निन्दनीय। सरकार ध्यान दे।’
यूपी में खासकर महिलाओं की असुरक्षा से सम्बन्धित जघन्य अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, जो अति-दुःखद व चिन्ता की बात। पीलीभीत व गोण्डा में महिला असुरक्षा, एटा में पुलिस बर्बरता व झाँसी में केरल की ननों को ट्रेन से उतार देने आदि की घटनाएं शर्मनाक व अति-निन्दनीय। सरकार ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2021