नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती के सम्मानजनक सीट मिलने पर ही गठबंधन करने की घोषणा पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सधी हुई टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हमारा एजेण्डा देश को बचाना है, उसके लिए गठबंधन करेंगे। चाहे हमें दो कदम पीछे क्यों न हटना पड़े।
RSS पर साधा निशाना
सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारी लड़ाई भाजपा से है। लेकिन, उससे भी बड़ी लड़ाई सामने न दिखाई देने वाली आरएसएस से है। संघ की विचारधारा से समाजवादी विचारधारा ही लड़ सकती है। कहा कि जिस आरएसएस ने 70 सालों तक अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा न फहराया हो, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। आरएसएस ने पिछले चुनाव में सपा के खिलाफ नफरत और झूठ फैलाने का काम किया। इससे सभी को सावधान रहना चाहिए।
कांग्रेस को दी सलाह
यादव ने कहा कि गठबंधन के लिए हमने कांग्रेस से पहल करने को कहा है क्योंकि वह राष्ट्रीय पार्टी है। उसे बड़ा दिल दिखाना चाहिए। गठबंधन में नेता एवं प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नाम चुनाव बाद तय हो जाएगा। कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों की बड़ी भूमिका होगी। वही भाजपा का मुकाबला कर सकेगी।
शाह के बयान पर किया कटाक्ष
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 50 साल सत्ता में रहने के दावे पर उन्होंने कटाक्ष किया। कहा, जनता में गुस्सा है, भाजपा के प्रति निराशा है इसलिए भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा। यूपी में भाजपा की हार हुई तो यह देश की सत्ता में वापस नहीं आएगी। जिन्होंने 50 साल तक सत्ता में रहने की बात कही है, पता नही तब तक वे रहेंगे या नहीं। लेकिन यह तय है कि देश की जनता अगले 50 हफ्तों में अपना फैसला सुनाने जा रही है।
बैलेट पेपर की मांग
उन्होंने कहा कि देश में चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। ईवीएम की विश्वसनीयता पर उंगली उठी है। चुनाव आयोग को निष्पक्षता से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा इस बार चुनाव में किसान, बेरोजगारी, मंहगाई के मुद्दे से भाजपा को ध्यान नहीं हटाने देंगे।