लखनऊः उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे विपक्षी पार्टियों सरकार पर हमालवार तेज हो रही हैं। इसी कड़ी समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश में बदहाली की इबारत लिख दी है। जनता सरकार से त्रस्त है और कानून व्यवस्था ध्वस्त है।
उन्होंने कहा कि सच तो ये है कि प्रदेश में ऐसी सरकार है, जिसमें न मंत्रियों की सुनवाई है और न जनता की। अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों में ये सरकार अपना विश्वास खो चुकी है। अब भाजपा सरकार (BJP Government) घोटालों की कमाई में लगी हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का सीएम का दावा खोखला साबित हुआ है।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से ये भंडाफोड़ हुआ है कि 31 मार्च, 2021 तक के कोरोनाकाल में 9 महीनों में उप्र के 24 ज़िलों में मृत्यु का आँकड़ा सरकार द्वारा दिये गये आँकड़ों से 43 गुना तक अधिक है।
भाजपा सरकार मृत्यु के आँकड़े नहीं दरअसल अपना मुँह छिपा रही है।#NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 22, 2021
सपा मुखिया ने कहा कि भविष्य में खुशहाली का झूठ सपना दिखाने वाली भाजपा समझ गई है कि अगले चुनाव में उसे जनता बाहर का रास्ता दिखाने वाली है। बीजेपी सरकार ने बच्चों के खाने में डाका डाला। उन्होंने कहा कि बरेली के 49 परिषदीय विद्यालयों में सरकारी खाते से पैसा तो निकला लेकिन छात्रों को भोजन नहीं मिला।
उन्होने कानपुर की शादी का जिक्र करते हुए कहा कि कानपुर में सादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 6.50 करोड़ रुपए का घपला हुआ है। लखनऊ में 5500 परमिट नवीनीकरण मामले से वसूले गए जुर्माने में 15 करोड़ रुपए का गबन हुआ है। बरेली जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में बिना छात्रों की उपस्तिति के भोजन, पानी, अन्य सुविधाओं के नाम पर 84 लाख रुपए खर्च में दिखा दिए गए। अखिलेश ने कहा कि बरेली के अलावा राज्य के 17 अन्य जिलों में घपला होने की चर्चा है।
सपा प्रमुख ने कहा कि खुशहाली का झूठा सपना दिखाने वाली भाजपा अब समझ गई है कि विधानसभा चुनाव में वो सत्ता से बाहर जाने वाली है और अबकी समाजवादी पार्टी सरकार बनाने वाली है। यही वजह है कि हड़बड़ी में डबल इंजन वाले जहां लोकतंत्री व्यवस्थाओं को धता बताते हुए मुख्यमंत्री को ही बनाए रखने का राग अलापने लगे हैं, वहीं पार्टी के अंदर उनके ही खिलाफ विरोध के स्वर उभरने लगे है। दो मंत्रियों ने तो साफ कह दिया है कि चुनाव के बाद केंद्र तय करेगा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा?