इटावा। यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों सें पहले ही सभी राजनीतिक दलों ने कमर कसनी शुरु कर दी है। और अप्रेल में होने जा रहे पंचायत चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे नेताओं के बयानों की धार तेज हो गई है। यूपी में समाजवादी पार्टी के मुखिया और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आए दिन योगी सरकार को लपेटे में ले लेते है। अखिलेश यूपी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। बुद्धवार को अखिलेश का नया बयान सामने आया। अखिलेश ने नए कृषि कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा यह किसानों के लिए डेथ वारंट है। उनहोंने कहा कि किसान कानून का विरोध करने पर सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के घरों पर पुलिस छापेमारी कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “14 और 15 करोड़ लोगों को नौकरी देने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत उससे अलग है। कोई भी विकास कार्य योगी सरकार नहीं कर सकी है। सपा सरकार में जो काम हुआ था उसके बाद कोई भी काम नहीं हुआ है।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी किसी भी मेधावी छात्र को लैपटॉप नही दे पाए हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री को लैपटॉप चलाना नहीं आता है। अमेरिका में हुए राजनीतिक बदलाव का हवाला देते हुए अखिलेश ने कहा कि गोरे काले का भेद करने वाले आज अमेरिका में सत्ता से बाहर हो गए हैं। भारत में भी नफरत फैलाने वाले भी सत्ता से बाहर हो जाएंगे।
अखिलेश ने कहा कि, “किसान कानून को जबरिया सदन में पास किया गया है। जबरिया पास किया गया किसान कानून हकीकत में डेथ वारंट है। जनता का पैसा बना देश का सब कुछ बेचा जा रहा है। जब हम आप अपने अधिकारों को अगर मांगने के लिये सड़कों पर निकले तो भाजपा के लोग राजनैतिक कहते हैं। पंजाब के किसानों ने देश में अपनी मांगों को लेकर अलख जगा दी है। इसलिए पंजाब के किसान वाकई में बधाई के पात्र हैं।” उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिये भाजपा को हराना बेहद जरूरी है।”
राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि, “केंद्र सरकार सब कुछ बेचने में जुटी हुई है। केंद्र सरकार केवल 10 लोगों के लिए काम कर रही है और सारे देश की जनता को मूर्ख बना रही है।”