Breaking News featured देश यूपी

सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में हो सकती है अखिलेश और शिवपाल की सुलह

mulayam shivpal and akhilesh सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में हो सकती है अखिलेश और शिवपाल की सुलह

नई दिल्ली। एक बार फिर समाजवादी पार्टी में बीते साल मची महाभारत के लम्बे अरसे के बाद आखिरकार पटाक्षेप की ओर पहुंच रहा है। आने वाले 5 अक्टूबर को आगरा में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। इसको लेकर अखिलेश ने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को भी न्यौता दिया है। अटकलों का बाजार गरम है कि मुलायम और शिवपाल द्वारा जल्द ही नए मोर्चे के गठन के सुगबुगाहट देखकर समाजवादी पार्टी के बिखरे कुनबे को अब अखिलेश जोड़ने की कवायद कर रहे हैं। इसको देखकर साफ कहा जा रहा है कि जल्द ही इन दोनों के बीच सुलह हो सकती है।

mulayam akhilesh and shivpal सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में हो सकती है अखिलेश और शिवपाल की सुलह

सपा के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन की माने तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर गए थे। जहां पर उन्होने उन्हे राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए आमंत्रित भी किया है। बताया जा रहा है कि इस अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। सूत्रों की माने तो परिवार में आपसी सुलह का मसौदा तय हो गया है। बस अब इस पर मुहर लगाना बाकी है। आने वाले 5 अक्टूबर को पिता पुत्र और चाचा की सुलह हो सकती है।

इस मामले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने कोई नरम संकेत नहीं दिए हैं। उन्होने एक प्रेस बीते दिनों की थी जिसमें साफ कहा था कि अखिलेश उनके पुत्र हैं तो आशीर्वाद रहेगा लेकिन वह उनकी नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं। पत्रकारों के अगल पार्टी बनाने के सवाल पर मुलायम सिंह यादव ने इनकार कर दिया था। खबरें आ रही हैं कि मुलायम सिंह ने अधिवेशन में जाने का न्यौता स्वीकार कर लिया है। हांलाकि हाल में हुए प्रांतीय अधिवेशन में अखिलेश ने सपा के संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह का जिक्र करते हुए कहा था कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है वह नेताजी के आंदोलनों को और ऊंचाई पर लेकर जाएंगे।

उधर मुलायम सिंह यादव द्वारा की गई प्रेस में उनके ही करीबी रहे पूर्व मंत्री शारदा शुक्ला ने कहा है कि नेताजी ने वह प्रेस नोट नहीं पढ़ा जिसके लिए प्रेस बुलाई गई थी। जिसमें अलग मोर्चे के गठन की बात थी लेकिन नेताजी ने यह प्रेस नोट नहीं पढ़ा। नेताजी पुत्र मोह के चलते अपने करीबियों से दूर होते जा रहे हैं। मुलायम के इस रूख के बाद शिवपाल यादव के गुट को जरूर झटका लगा है। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि नेताजी की मध्यस्थता के बाद अब चाचा भतीजे के बीच चला द्वन्द खत्म हो जायेगा।

Related posts

शुरू हो रहे आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, जानें मां दुर्गा को प्रसन्न करने के उपाय, नौ दिनों तक देवियों को इन चीजों का लगाएं भोग

Rahul

SPG सुरक्षा से वंचित हो गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, Z-Plus रहेगी बहाल

Trinath Mishra

सीएम तीरथ ने आपदा की तैयारियों को लेकर की बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

pratiyush chaubey