नई दिल्ली: #Metoo कैंपेन के जरिए महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
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वहीं एक अन्य महिला पत्रकार गजाला वहाब ने कहा, ‘हां, झूठ के पांव नहीं होते’ और वह बहुत दूर चल नहीं सकता। इससे एक दिन पहले अकबर ने उनके ऊपर लगाए गए यौन-उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया था और कहा था- ‘झूठ के पांव नहीं होते’।
बीजेपी नेता और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की। विदेश राज्यमंत्री अकबर ने कहा कि रमानी ने ‘‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से’’ आरोप लगाए जिनकी गुप्त मंशा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है। अकबर ने लॉ फर्म ‘करनजावाला एंड कंपनी’ के जरिये पटियाला हाउस जिला अदालत में याचिका दायर की है।
वहीं अकबर पर MeToo अभियान के जरिए यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कई महिलाओं में शामिल प्रिया रमानी ने कहा “मैं काफी निराश हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया। मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करके अकबर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।” रमानी ने अपना बयान सोशल मीडिया पर साझा किया है।
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By: Ritu Raj